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मुंगेर से जीकेसी ने की शंखनाद यात्रा की दूसरी चरण की शुरुआत

मुंगेर से जीकेसी ने की शंखनाद यात्रा की दूसरी चरण की शुरुआत

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना (मुंगेर), 17 अक्टूबर ::

जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) ने 17 अक्टूबर (रविवार) को “शंखनाद यात्रा” की दूसरी चरण की मुंगेर से की शुरुआत।

कायस्थ समाज के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक सशक्तिकरण के लिये प्रतिबद्ध जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने मुंगेर में कहा कि कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने देश के सामाजिक, राजनैतिक उत्थान के साथ, आजादी की लड़ाई में अपनी अहम भूमिका अदा की है, लेकिन आज कायस्थ समाज हाशिये पर चल गया है जिसे संगठित करते हुए मजबूत करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने देश के सामाजिक, राजनैतिक उत्थान के साथ, आजादी की लड़ाई में अपनी अहम भूमिका अदा की है। कायस्थ जाति के लोग हमेशा से समाज का नेतृत्व करते रहें हैं। स्वामी विवेकानंद, जगतपति कुमार, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, प्रथम राष्ट्रपति देशर‘ डॉ राजेन्द्र प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री महामाया प्रसाद सिन्हा, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जैसे कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने अपने नेतृत्व कौशल से इस देश को नई दिशा प्रदान की है लेकिन आज कायस्थ समाज हाशिए पर जा रहा है। इसे देखते हुए हमें जागने की जरूरत है।

आगामी 19 दिसंबर को नयी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किये जा रहे विश्व कायस्थ महासम्मेलन में कायस्थ समाज एकजुट होकर अपनी आवाज को बुलंद करेगा। इसी को लेकर मुंगेर से जीकेसी के दूसरे चरण की शंखनाद यात्रा की शुरूआत की गयी।

जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कहा कि जीकेसी संगठन का विस्तार दुनिया भर में है और इसके विस्तार के लिए कार्यक्रम के माध्यम से समाज को एकत्रित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आज के दौर में कायस्थ जाति संगठित नही होने से अपने हक को सही तरीके से हासिल नही कर पा रही है। इसके लिए हम सब को साथ आना चाहिए। उन्होंने सभी को नई दिल्ली में विश्व कायस्थ महासम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।

जीकेसी की प्रदेश अध्यक्ष डॉ० नम्रता आनंद ने कहा कि यदि कायस्थ समाज अपनी उपेक्षा तथा हकमारी के खिलाफ आवाज को जोरदार ढंग से नहीं उठाएगा, तो समाज में अस्तित्व पर ही संकट पैदा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार लड़ाई निर्णायक और महत्वपूर्ण है। इसलिए आज आवश्यकता सभी को किसी भी प्रकार के ‘किंतु – परन्तु’ को छोड़कर एकजुट होने की है। सवाल कायस्थ समाज की प्रतिष्ठा को बचाने और अपने वाजिब हक को लेने का है। हम सब को साथ आना चाहिए और संगठन को मजबूत करते हुए सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक रूप से सबल होना चाहिए।

उक्त अवसर पर जीकेसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक कुमार अभिषेक, जीकेसी मीडिया सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार, प्रदीप कुमार प्राश प्रदेश अध्यक्ष गुजरात, अनुराग समरूप राष्ट्रीय सचिव कला-संस्कृति प्रकोष्ठ, बलिराम जी संगठन मंत्री, दिवाकर कुमार वर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष कला-संस्कृति प्रकोष्ठ, राकेश मणि मुंगेर प्रमंडल प्रभारी, मुकेश महान प्रदेश महासचिव मीडिया सेल, चंदन कर्ण उपाध्यक्ष भागलपुर, अखिलेश कुमार, आलोक कुमार वर्मा प्रदेश सचिव, रवि शंकर सिन्हा जिला अध्यक्ष, नीरज सिन्हा जिला महामंत्री,मनीष कुमार जिला सचिव, डॉ सरोज कुमार प्रदेश उपाध्यक्ष, अरविंद कुमार सिंह पूर्व अध्यक्ष, कमल किशोर सिन्हा प्रदेश उपाध्यक्ष विधि प्रकोष्ठ, अरविंद कुमार सिन्हा, शुभम कुमार, प्रसून श्रीवास्तव समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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