जनपथ न्यूज डेस्क
Edited by: राकेश कुमार
18 फरवरी, 2023
नई दिल्ली: सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (सीएससी एसपीवी), राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र सेवा निगमित (एनआईसीएसआई) ने समझौता किया है. समझौते के तहत एनआईसी के ई-ऑफिस और स्पैरो उत्पाद की सेवा सीएससी के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार के उद्यमों को प्रदान की जाएगी. ई-ऑफिस एक डिजिटल वर्कप्लेस सॉल्यूशन है जो सरकारी प्रक्रियाओं को कारगर और पारदर्शी बनाने का मार्ग प्रशस्त करता है और उन्हें पेपरलेस बनाता है.
साझेदारी के बाद, सीएससी एसपीवी एनआईसी के ई-ऑफिस और स्पैरो उत्पाद के विस्तार, तकनीकी मदद और सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन सेवाओं का लाभ उठाने में यूजर्स की मदद करेगा.
सीएससी एसपीवी एनआईसी के ई-ऑफिस और स्पैरो उत्पाद की सेवा प्रदान करने के लिए राज्य और केंद्र स्तर के सरकारी संगठनों/उद्यमों के लिए डेटा सेंटर सुविधाओं को उपलब्ध कराएगा. डेटा सेंटर सुविधाओं में प्राइमरी डेटा सेंटर (PDC) और/या रिमोट डेटा सेंटर (RDC) होस्टिंग और सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन सेवाएं दोनों ही शामिल शामिल होंगी.
डेटा सेंटर में रखा इन्फॉर्मेशन किसी भी तरह की वायरस या अन्य खतरों से सुरक्षित रहता है. इस इन्फॉर्मेशन को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जाता है. डेटा सेंटर में भौतिक या आभासी सर्वर होते हैं जो डिजिटल जानकारी को स्टोर, ट्रांसफर और एक्सेस करने के लिए नेटवर्किंग और संचार उपकरणों के माध्यम से आंतरिक और बाहरी रूप से जुड़े होते हैं.
कार्यक्रम के दौरान, सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (सीएससी एसपीवी) के एमडी और सीईओ श्री संजय राकेश ने कहा, “भारत में अभी भी एक बड़ी आबादी तक डिजिटल क्रांति का लाभ और सशक्तिकरण की लहर पहुंच नहीं पाई है. इस लक्ष्य को हासिल करने में यह साझेदारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. हम देश की आर्थिक वृद्धि और समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
सुश्री रचना श्रीवास्तव, डीडीजी-एनआईसी ने कहा कि देश में अकेले ई-फाइल मॉड्यूल का उपयोग 10 लाख से अधिक सरकारी अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है और अब तक 4 करोड़ से अधिक फाइलें बनाई जा चुकी हैं. इसके अलावा, सरकारी अधिकारियों द्वारा कामकाज में स्पैरो मॉड्यूल का भी बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली स्थानीय भाषा के लिए काफी कारगर है. उत्तर प्रदेश, तेलंगाना जैसे राज्यों में इसका इस्तेमाल स्थानीय भाषाओं में किया जा रहा है.
डॉ. विनय ठाकुर, एमडी-एनआईसीएसआई ने कहा, “ई-ऑफिस का इस्तेमाल केंद्र और राज्य स्तर पर सरकारी विभागों के साथ-साथ पूरे देश में सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. ई-ऑफिस हाल के कोविड काल में सरकारी कार्यालयों को क्रियाशील रखने में जीवन रेखा साबित हुआ है.” उन्होंने उम्मीद जताई कि इस एमओयू के बाद, सीएससी के माध्यम से एनआईसीएसआई और एनआईसी प्रबंधित क्लाउड तकनीकी आधारित सेवाओं का उपयोग और अन्य सॉफ्टवेयर उत्पादों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा सकता है.
डॉ. ठाकुर ने कहा कि सीएससी के साथ यह समझौता हमारे लिए प्रसन्नता का विषय है. इससे एनआईसी के ई-ऑफिस और स्पैरो उत्पाद की होस्टिंग, विस्तार, तकनीकी सहायता और प्रसार में मदद मिलेगी।