जनपथ न्यूज़ पटना:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानमंडल से एनआरसी और नए एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराकर विपक्ष के पास से एक बड़ा मुद्दा छीन लिया है। कल तक एनआरसी और एनपीआर पर एनडीए को घेरने वाला विपक्ष अब नीतीश कुमार से पूछ रहा है कि वे सीएए का समर्थन क्यों कर रहे हैं?
बुधवार को बजट सत्र में शामिल होने विधानसभा पहुंचे कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा ने नीतीश से पूछा कि वे एनआरसी और एनपीआर का विरोध कर रहे हैं लेकिन सीएए के लिए प्रेम क्यों है?  वे इस बात का जवाब दें कि सीएए के सपोर्ट में क्यों हैं। सीएए-एनआरसी और एनपीआर में कोई अंतर नहीं है। सरकार सीएए के खिलाफ भी सदन में प्रस्ताव पारित कराए।
एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराने वाला बिहार पहला एनडीए शासित राज्य
एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराने वाला बिहार पहला एनडीए शासित राज्य है। मंगलवार को बजट सत्र के दूसरे दिन सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित कराया गया। बिहार में 2010 के फॉर्मेट पर ही एनपीआर (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) होगी। इसमें सिर्फ ट्रांसजेंडर का कॉलम जोड़ा जाएगा। मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद ही विपक्ष इस बात को लेकर लगातार हंगामा कर रहा था कि सरकार एनपीआर को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करे। सुशील मोदी के बजट भाषण के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने एनआरसी लागू नहीं करने संबंधी प्रस्ताव दिया, जिस पर सभी दलों ने सहमति जताई।

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