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सीएम नीतीश बता रहे देश के नए राष्ट्रपिता का नाम, कुशवाहा गिना रहे तेजस्वी-भाजपा की डील…

जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
17 जनवरी 2023

भागलपुर : बिहार में 7 दलों के तालमेल से बने महागठबंधन की सरकार है,लेकिन तालमेल की कमी देखकर लगता है कि सरकार में विपक्ष भी समाहित हो गया है। आरजेडी के नेता जेडीयू के नेताओं की खिल्ली उड़ा रहे तो जेडीयू के नेता आरजेडी नेताओं को कोस रहे। अब तो ऐसा लगने लगा है, जैसे बेमेल विचारधारा वाला दलों की सरकार चल रही है। किसी की जुबान पर कोई लगाम नहीं है। बयान के वाण दोनों ओर से ऐसे चल रहे, जिससे लगता है कि सरकार गिराने के लिए सभी विपक्ष की तरह बेचैन हैं। इस क्रम में तो कई ने गैरजिम्मदाराना बयान दे डाले। ऐसे बयान वीरों में सीएम भी पीछे नहीं रहे। एक मंत्री ने रामचरितच मानस बयान पर बयान देकर बिहार की सियासत में भूचाल ही ला दिया है।

*सीएम नीतीश कुमार भी बेढंगे बोल से खुद को नहीं रोक पा रहे*: दूसरे बोलें तो आश्चर्य नहीं होता,लेकिन शांत प्रवृत्ति के माने जाने वाले सीएम नीतीश कुमार भी ऐसे बोल-बयान से खुद को नहीं रोक पा रहे। एक कार्यक्रम में नीतीश ने सवाल उठाया था कि आजादी की लड़ाई में आरएसएस का क्या योगदान है। इसे आरएसएस की आलोचना मानकर कबूल भी कर लिया जाये, पर उन्होंने पीएम मोदी के बारे में अगले ही पल बेतुका बयान दे दिया- देश के नये पिता ने देश के लिए क्या किया है। उनकी टिप्पणी महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा डिप्टी सीएम देवेंद्र फणनवीस की ओर से नरेंद्र मदी को देश के नये राष्ट्रपिता कहने पर थी। कुछ ही दिन बाद अपनी समाधान यात्रा के दरान वैशाली में नीतीश ने जीविका दीदियों के सम्मेलन में हास्यास्पद बयान दे दिया, जिसकी चौतरफा आलोचना हुई।

*शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान से आरजेडी-जेडीयू आमने-सामने* : आरजेडी कोटे से आने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का बयान तो इन दिनों बिहार ही नहीं, देश की राजनीति में भूचाल लाने वाला साबित हो रहा है। चंद्रशेखर ने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में रामचरित मानस, मनुस्मृति और गोलवलरकर की किताब बंच आफ थाट्स को समाज में नफरत फैलाने वाला और बांटने वाला ग्रंथ बता दिया। उन्होंने अनजाने या किसी उकसावे में यह बयान नहीं दिया, बल्कि सोझ-समझ कर दिया। इसलिए कि वे अब भी अपने बयान पर कायम हैं। इसके पहले भी वे ऐसा ही बयान देते रहे हैं। बताया तो यह जाता है कि उनके बयान से सीएम नीतीश कुमार भी खफा हैं। कैबिनेट की बैठक में जब नीतीश ने चंद्रशेखर से इस बारे में पूछा तो उन्होंने यही कहा कि कुछ गलत नहीं कहा है।

*चंद्रशेखर के बयान ने महागठबंधन में बो दिये हैं नफरत के बीज*: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विवादास्पद बयान और उस पर अड़े रहने की उनकी जिद ने महागठबंधन के दो प्रमुख घटक दलों के बीच नफरत की दीवार खड़ी कर दी है। जेडीयू के आला नेता एक साथ चंद्रशेखर और आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व पर हमलावर हो गये हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह हों या नीतीश कुमार के करीबी अशोक चौधरी और उपेंद्र कुशवाहा सभी ने चंद्रशेखर के बयान की आलोचना की है और आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व से उनकते खिलाफ कार्वाई की मांग की है। इधर आरजेडी में शिक्षा मंत्री के बयान को लेकर दो खेमे बन गये हैं। प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी चंद्रशेखर की मौजूदगी में समर्थन और विरोध के मुद्दे पर उलझ पड़े थे। जेडीयू के नीरज कुमार जैसे नेताओं ने तो रामचरित मानस का पाठ कर बयान पर अपनी आपत्ति का इजहार किया।

*जेडीयू के एतराज के अंदाज पर अब तेजस्वी भी तिलमिला गये हैं*: जेडीयू ने चंद्रशेकर के बयान पर जिस तरह हल्ला बोला है, उससे आमतौर पर शांति रहने वाले तचेजस्वी यादव भी तिलमिला गये हैं। शरद यादव की अंत्येष्टि से जब तेजस्वी यादव पटना लौटे तो उनकी बोली से तिलमिलाहट साफ नजर आ रही थी। तेजस्वी ने कहा- जो लोग बयान दे रहे हैं, उन सबको पहचान रहे हैं। बयान से कुछ होने वाला नहीं है। केतना भी लोग एड़ी अलगा कर भाषण दें, बयान दें। तेजस्वी सिर्फ जेडीयू नेताओं को ही नहीं कोस रहे थे, उनके निशाने पर आरजेडी के नेता भी थे, जो चंद्रशेखर के बयान के बाद आपस में बंट गये हैं। तेजस्वी ने कहा कि ये लोग कुछ भी कर लें, महागठबंधन टूटने का सवाल ही पैदा नहीं होता। आरजेडी और जेडीयू के शीर्ष नेता लालू और नीतीश हैं। महागठबंधन या अपने दलों के बारे में कोई भी निर्णय यही दोनों ले सकते हैं।

*कुशवाहा ने बीजेपी से आरजेडी की सांठगांठ का आरोप लगा दिया है*: आरजेडी के विधायक सुधाकर सिंह द्वारा नीतीश कुमार के बारे में असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल पर जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने तो पहले से ही मोर्चा खोल रखा है। उनहोंने सुधाकर पर कार्वाई के लिए पहले आरजेडी नेतृत्व पर दबाव डाला। अब तो वह तेजस्वी यादव पर सीधे हमलावर हो गये हैं। कुशवाहा ने कहा है कि तेजस्वी यादव ने बीजेपी से सांठगांठ कर ली है। वह बीजेपी से लाभ लेना चाहते हैं। उनके इस बयान पर तेजस्वी यादव ने कहा है कि आरजेडी और जेडीयू के शीर्ष नेता लालू जी हैं, नीतीश जी हैं। उन्होंने ही महागठबंधन बनाया है। कोई भी फैसला उनको ही लेना है। बयानवीरों के साथ कोई नहीं है। नेता के साथ हैं लोग। कौन क्या कह रहा है इससे फर्क नहीं पड़ता। यह कोई मुद्दा ही है। हम जानते हैं कुछ होने वाला नहीं है। केतना भी लोग एड़ी अलगा करके भाषण दें, बयान दें। जो लोग बयान देकर चर्चित हो रहे हैं, उनके साथ जनता नहीं है। जनता तो सिर्फ लालू-नीतीश जी के साथ है।

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