*इस घोटाले में शामिल बाजों की जगह कौवों पर शिकंजा कस आखिर कब तक सुर्खियों में रहेगी सीबीआई*

जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
15 मार्च 2023

भागलपुर : सीबीआई जांच के दौरान सृजन घोटाले में रोज नए- नए तथ्य सामने आते रहे हैं। भागलपुर की अम्मा यानी सृजन घोटाले की मुख्य सूत्रधार रहीं मनोरमा देवी के स्वजनों ने चार करोड़ 37 लाख छह हजार रुपये की संपत्ति घोटाले की राशि से खरीदी है। मनोरमा के पुत्र ने 12 बार राशि निकाल कर जमीन, माॅल व आपर्टमेंट में निवेश किया है। वहीं, रजनी प्रिया ने सात बार राशि की निकासी की है।
इस दौरान रजनी प्रिया ने राशि से निकासी कर अलग-अलग संपत्तियां खरीदीं। सृजन की कर्ताधर्ता रहीं मनोरमा देवी भी इस मामले में पीछे नहीं रहीं थी। इस मनोरमा देवी ने कुल सात बार राशि की निकासी कर अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश किया था। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि संपत्ति की यह खरीदारी अधिकारियों को उपकृत करने के लिए की गई थी। जिन लोगों ने चार करोड़ की राशि का निवेश निजी संपत्ति बनाने के लिए किया,वे अब तक सीबीआइ की पकड़ से बाहर ही हैं।

उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार मनोरमा देवी ने 83 लाख 78 हजार 999 रुपये की अवैध निकासी कर फ्लैट,जमीन आदि की खरीदारी की थी, वहीं उसके पुत्र अमित कुमार ने भी 99 लाख 18 हजार रुपये, तो अमित की पत्नी रजनी प्रिया ने 81 लाख 75 हजार रुपये की निकासी की। फिर अमित और रजनी के नाम से 94 लाख 48 हजार 208 रुपये की निकासी की गई। सृजन महिला विकास सहयोग समिति के नाम से भी 34 लाख 55 हजार 335 रुपये की संपत्ति खरीदी गई।

सृजन घोटाले के पैसों का किस तरह इन लोगों ने खेल किया है, यह मामले सीबीआइ जांच में पर्दाफाश हो चुका है और इसमें अमित कुमार और उसकी पत्नी रजनी प्रिया ने सबसे अधिक राशि की निकासी की है। वहीं बिपिन शर्मा और अमित कुमार ने भी सृजन को लगभग 30 लाख रुपये का चूना लगाया है।डाॅक्टर ए.कुमार चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर 10 लाख 88 हजार 999 रुपये की निकासी हुई है।इससे साफ जाहिर होता है कि घोटाले की राशि का बहुत बड़े हिस्से से मनरोमा के स्वजनों ने ही संपत्ति अॢजत की।

सीबीआई इस बात का भी खुलासा कर चुकी है कि सृजन के पैसे से मनोरमा देवी की बेटी और दामाद के नाम पर भी नोएडा में संपत्ति खरीदी गई थी।इनमें से कुछ संपत्तियों को ईडी ने जब्त भी किया था।मनोरमा देवी की मृत्यु के बाद इस संस्था की सर्वेसवा रजनी प्रिया बन गई थी और जब इसपर सीबीआई ने शिकंजा कसना शुरू किया, तो रजनी प्रिया अपने पति अमित कुमार और बच्चों के साथ रहस्मय तरीके से गायब हो गई। लगभग चार वर्ष बीतने के बाद भी सीबीआइ न तो अमित को ढूंढ पाई है और न ही रजनी प्रिया को.इन दोनों को ढूंढ़े बिना सीबीआइ इस घोटाले के असली गुनाहगारों तक कैसे पहुंचेगी,यह एक बड़ी चुनौती है और तब तक इस घोटाले में शामिल बाजों को गिरफ्त में लेने की बजाय कौवों पर शिकंजा कसकर यूं ही सुर्खियों में बने रहेंगे।

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