जनपथ न्यूज़ भागलपुर. जवारीपुर के सिंचाई कॉलोनी के दुर्गा मंदिर कैंपस स्थित कम्युनिटी हॉल के ग्रीन रूम से तिलकामांझी पुलिस ने रविवार को शराब की बड़ी खेप जब्त की है। सिटी डीएसपी राजवंश सिंह के नेतृत्व में हुई छापेमारी में दो अलग-अलग कमरों से पुलिस ने 318 पेटी विदेशी शराब जब्त की है। इनमें 12 हजार 936 बोतल शराब मिली। दुर्गा मंदिर की पूजन सामग्री जिस बड़े बक्से में रखी जाती है, उसमें भी शराब की खेप छिपाई गई थी। पुलिस ने इस सिलसिले में सिंचाई विभाग के चतुर्थवर्गीय कर्मी जितेंद्र कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है।
पुलिस को गिरफ्तार कर्मी के बेटे अभिषेक राठौर की तलाश है, जिसका संबंध कई दागियों से है। पुलिस के मुताबिक, अभिषेक और उसके दोस्त मिलकर शराब की तस्करी करते हैं। अभिषेक फरार है। पुलिस के मुताबिक, शनिवार रात को ही ट्रक से शराब की उक्त खेप मंगवाई गई थी, जिसे शहर के अलग-अलग हिस्सों में खपाने की तैयारी थी। जब्त शराब की कीमत 20 लाख से अधिक बताई जाती है। यह खेप गोड्डा जिले से मंगवाई गई थी। जिले में अब तक पकड़ी गई शराब की यह तीसरी बड़ी खेप है। गिरफ्तार कर्मी और उसके फरार बेटे के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। छापेमारी में तिलकामांझी थानेदार मिथिलेश कुमार, दारोगा भानू प्रसाद सिंह, जमादार पवन कुमार शामिल थे।
सिंचाई कर्मी के पास थी कमरे की चाबी, खोला तो मिली शराब
कम्युनिटी हॉल के एक कमरे का ताला टूटा हुआ था, जबकि दूसरे की चाबी गिरफ्तार सिंचाई कर्मी जितेंद्र सिंह के पास थी। पुलिस ने जितेंद्र को बुला कर दूसरे कमरे का दरवाजा खुलवाया। इसके बाद वहां रखे दोनों बक्से की जांच की गई, जिसमें शराब की खेप मिली। इस आधार पर जितेंद्र को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने जब उसके बेटे को बारे में पूछा तो उसने कुछ नहीं बताया।
फरार अभिषेक राठौर का अपराधी पलटू समेत कई दागियों से है दोस्ती
अभिषेक राठौर का अपराधी पलटू यादव समेत कई दागियों से दोस्ती है। सूत्रों का कहना है कि तीन दोस्त मिलकर पार्टनरशिप में शराब की तस्करी करते हैं। अभिषेक के परिजनों को भी अवैध धंधे की जानकारी थी, लेकिन कभी उसे मना नहीं किया। पहले अभिषेक के पिता ने असहयोग किया। बाद में पुलिस सख्त हुई तो चाबी लाकर कमरे का दरवाजा खोला।
पूजा कमेटी के नाक के नीचे हो रहा था धंधा भनक भी नहीं लगी
सिंचाई कॉलोनी दुर्गा पूजा कमेटी की नाक के नीचे संगठित तरीके से शराब की तस्करी हो रही थी। लेकिन कमेटी को इसकी भनक नहीं लगी। कॉलोनी में सिर्फ सिंचाई विभाग के कर्मी ही रहते हैं। वहां बाहरी लोग नहीं अाते-जाते हैं। सुरक्षित कैंपस का शराब के तस्करों ने फायदा उठाया और खेप वहां छिपाई।