जनपथ न्यूज़ रांची. दुमका जिले एक आदिवासी परिवार की बच्ची को गोभी का सूखा पत्ता उबाल कर चावल के साथ खाने का फोटो देखकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दुमका ने नाराजगी जताई है। सीएम ने कहा- यह हमारे और दुमका जिला प्रशासन के लिए शर्म की बात है। कलेक्टर काे तत्काल बच्ची को राहत पहुंचाने का निर्देश दिया। सीएम को यह फोटो ट्वीट की गई थी। वहीं, सीएम के निर्देश के बाद बुधवार को परिवार को राशन कार्ड सहित राशन भी उपलब्ध करवा दिया गया।
.@DumkaDc यह हमारे लिए और पूरे दुमका प्रशासन के लिए शर्म की बात है।
हम पिछले सरकार की तरह नहीं है जो 11 लाख राशन कार्ड निरस्त कर उसे अपनी उपलब्धि बताये।
जल्द से जल्द उक्त परिवार को सभी ज़रूरी सरकारी मदद पहुँचाते हुए सूचित करें और साथ ही ऐसे सभी परिवार को चिन्हित कर मदद पहुँचाएँ https://t.co/wjuOFdVfVm
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) February 25, 2020
जरमुंडी प्रखंड के समलापुर गांव में 70 वर्षीय बुजुर्ग चुड़की मुर्मू के परिवार में कोई पुरुष सदस्य नहीं है। चुड़की की बेटी अपनी बच्ची के साथ मायके में रहती है। एक साल से इस परिवार को राशन नहीं मिला है। चुड़की को पेंशन मिलती है, जिससे घर चलता है। चावल का जुगाड़ तो हो जाता है, पर दाल-सब्जी नहीं मिल पाती। यह परिवार गोभी के पत्ते सूखाकर रखता है और इसे उबाल कर नमक के साथ भात में मिलाकर भूख मिटाता है।
बीडीओ बोले- राशन मिलता है, एक पैकेज चावल भी भिजवाए देते हैं
दुमका के डीडीसी शेखर जमुआर डीसी के प्रभार में है। देर शाम तक जिला प्रशासन ने सीएम के ट्वीट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जरमुंडी के बीडीओ कुंदन भगत का कहना है कि चुड़की मुर्मू का राशन कार्ड है और उसे राशन भी मिल रहा है। बीडीओ ने बताया कि फिर भी वे एक पैकेट चावल चुड़की मुर्मू के घर एमओ से भिजवा रहे हैं।
झारखंड में भुखमरी से माैत का दावा सुप्रीम कोर्ट में
झारखंड में 13 साल की लड़की की भुखमरी से माैत हाे गई थी। इसका कारण आधार और राशन कार्ड के ब्याेरे का मिलान नहीं हाेने पर सरकारी नुमाइंदों द्वारा बच्ची को राशन देने से इनकार करना सामने आया है। इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा गया है। वहीं, अटाॅर्नी जनरल केके वेणुगाेपाल ने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार व्यापक एफिडेविट दाखिल करेगी।