जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
16 फरवरी 2023

भागलपुर : देश में आजकल बड़बोले नेताओं की भरमार हो गई है। हालांकि पहले भी ऐसे लोगों की कमी नहीं रही है। बिहार में चंद्रशेखर,जीतन राम मांझी,जगदानंद सिंह के साथ अब जदयू के सीनियर लीडर पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने तो ऊटपटांग बोलने की होड़ ही लगा दी है। यूपी में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य भी इस कतार में शामिल हो गये हैं। एक और मुस्लिम धर्मगुरु अरशद मदनी ने ऊं और अल्लाह को एक बताकर विवाद के बीज बो दिये हैं। यहां दो बातें गौर करने लायक हैं। बागेश्वर धाम के महंथ धीरेंद्र शास्त्री ने नारा दिया है- तुम मेरा साथ दो, मैं तुम्हें हिन्दू राष्ट्र दूंगा। इस पर विपक्ष को विशेष परेशानी है, लेकिन ऐसे लोगों ने कभी इस बात पर चिंता नहीं जाहिर की कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने का सपना देखा है। इसके लिए वे धन और हथियार जुटा रहे हैं। पीएफआई ने अपने विरोधियों के सफाये के लिए कातिलों का दस्ता ही बना लिया है। जांच एजेंसी एनआईए ने कर्नाटक के बीजेपी नेता प्रवीण नेतारू की हत्या मामले में जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें पीएफआई के कातिल दस्ते का जिक्र है।

*बलियावी के बिगड़े बोल- शहरों को कर्बला बना देंगे*

गुलाम रसूल बलियावी ने महीने भर पहले ही कहा था कि हमारे आका (पैगंबर) की इज्जत पर किसी ने हाथ डाला तो शहरों को कर्बला बना देंगे। दरअसल वे झारखंड के हजारीबाग के कर्बला मैदान में एदारा-ए-शरिया के एक कार्यक्रम में शामिल होने गये थे। बीजेपी से ताल्लुक रखने वाली नूपुर शर्मा को लक्ष्य कर उन्होंने कहा कि ‘अभी तो एक कर्बला में हम इकट्ठा हुए हैं। हमारे आका पर किसी ने हाथ डाला तो सारे शहरों को कर्बला बनाने में संकोच नहीं करेंगे। हमारे बच्चे प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें गोली मार दी जाती है। हमारे पैगंबर के खिलाफ लोग बोलते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि अगर आगे किसी ने हमारे पैगंबर की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया तो हम शहरों को भी कर्बला बना देंगे।’ बलियावी का बयान देश में कटुता तो पैदा करता ही है, भारतीय पुलिस और जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़ा करता है।

*बलियावी के बिगड़े बोल- रामदेव का रिश्ता लश्कर से*

योग गुरु बाबा रामदेव तो अक्सर लोगों के निशाने पर रहे हैं। गुलाम रसूल बलियावी ने उनके बारे में अब एक और विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि ‘योग गुरु बाबा रामदेव का लश्कर-ए-तैयबा से रिश्ता है। बाबा रामदेव की जमीन और उनके प्रोडक्ट्स की जांच होनी चाहिए। रामदेव भारतीय नहीं हैं। उनका पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन है। इसकी भी जांच होनी चाहिए। रामदेव की संपत्ति, जमीन और प्रोडेक्ट्स की जांच करायी जानी चाहिए।’ अब सामने समर्थक भीड़ हो और बलियावी जैसे वक्ता हों तो ऐसे ऊटपटांग बयान स्वाभाविक हैं।

*बागेश्वर धाम के बाबा को बलियावी ने बहुरूपिया बताया*

गुलाम रसूल बलियावी ने हाल के दिनों में चर्चा का केंद्र रहे बाबा बागेश्वर को भी नहीं छोड़ा। उनके बारे में कहा कि बाबा बागेश्वर बहरूपिया हैं। वे कौन हैं,क्या हैं, उनके बारे में बलियावी को नहीं मालूम, लेकिन वह देश के संविधान और अदालत को जानते हैं। ऐसे बहरूपिया बाबा की जगह देश में नहीं है। बागेश्वर अच्छे कपड़े पहन कर और मेकअप से देश को गुमराह कर रहे हैं। बागेश्वर धाम के बाबा के खिलाफ बोलने वाले बलियावी पहले आदमी नहीं हैं। उनसे पहले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य भी उनके खिलाफ बोल चुके हैं।

*पीएम मोदी फौज में 30% मुसलमानों की भर्ती तो करें : बलियावी*

पीएम नरेंद्र मोदी भी बलियावी के निशाने पर रहे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को अगर पाकिस्तान से डर लगता है तो वे फौज में 30 प्रतिशत मुसलमानों की भर्ती करें। उन्होंने तर्क दिया कि जब पाकिस्तान मिसाइल बनाकर भारत को दिखा रहा था तो जवाब देने नागपुर से कोई बाबा नहीं आए थे। मुसलमान का बेटा ही सामने आया था। उसका नाम डॉ एपीजे अब्दुल कलाम है। उन्होंने मुसलमानों की सुरक्षा का भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि देश में दलितों की तरह मुसलमानों के लिए भी कानून बनाने की जरूरत है।

*स्वामी प्रसाद मौर्य के निशाने पर भी बागेश्वर धाम के महंथ*

उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बाबा बागेश्वर को चीन पर टोटके की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अगर बाबा बागेश्वर चमत्कारी हैं तो वे चीन के खिलाफ कोई टोटका क्यों नहीं करते। बागेश्वर धाम के महंथ धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर पहले भी वे बोल चुके हैं। इस बार उन्होंने कहा- अगर शास्त्री इतने ही ताकतवर सिद्ध पुरुष हैं तो चीन को भस्म क्यों नहीं कर देते। इससे सदा के लिए चीन के साथ भारत का लफड़ा ही खत्म हो जाएगा। एक बार तो उन्होंने बागेश्वर बाबा को फ्रॉड और आतंकवादी तक कह दिया था। उन्होंने रामचरित मानस पर भी आपत्तिजनक बयान दिया था। दरअसल बिहार के डिप्टी सीएम जीतन राम मांझी की तरह मौर्य भी खबरों में बने रहने के लिए बेतुकी बयानबाजी के लिए मशहूर हैं। मांझी के निशाने पर तो ब्राह्मण, राम और रामचरित मानस अक्सर आते रहते हैं।

*राहुल गांधी ने कहा था- लोकतंत्र की मौत हो रही है*

छोटे नेताओं को छोड़ दिया जाये तो बड़े नेताओं के बोल भी बिगड़े ही निकलते रहे हैं। नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी से ईडी के अधिकारी जब पूछताछ कर रहे थे तो उन्होंने ऐसा बयान दिया, जो उन्हें शोभा नहीं देता। यह सबको पता है कि लोकतांत्रिक परंपरा में जनादेश जिसे मिल जाये, उस पर सवाल उठाने की गुंजाइश नहीं बनती। इसके बावजूद राहुल गांधी ने कहा था कि देश में लोकतंत्र की मौत हो रही है। चार लोगों की तानाशाही देश में चल रही है। राहुल गांधी के ऐसा कहने से स्पष्ट था कि वे जनादेश का अनादर कर रहे हैं। ऐसा बयान देते समय वे यह भूल गये थे कि लोकतंत्र की मौत हो चुकी होती तो वे पीएम मोदी के लिए चौकीदार चोर है का नारा नहीं पाते। राहुल को 1975 की इमरजेंसी का इतिहास भी पढ़ लेना चाहिए था, तब उन्हें पता चलता कि लोकतंत्र की मौत अभी हो रही है या उनके पुरखों ने इसकी नींव पांच दशक पहले डाली थी। हालांकि उसका खामियाजा भी राहुल की दादी इंदिरा गांधी को जनता का कोपभाजन बन कर उठाना पड़ा था। इंदिरा गांधी ने पीएम रहते हुए 1975-77 के दौरान कुलदीप नैयर समेत तकरीबन 200 पत्रकारों को जेल में ठूंस दिया था। जयप्रकाश नारायण, चंद्रशेखर जैसे विपक्षी नेता जेलों में डाल दिये गये थे। विपक्षी नेताओं के नाम तक उस दौरान अखबारों में नहीं छपते थे। यहां तक कि दूसरे कारणों से विनोबा भावे के अनशन की खबर भी मीडिया में नहीं आई थी।

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