जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना/भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
19 अक्टूबर 2022
*आधी रात को ट्रकों से उतारे जा रहें खतरनाक पटाखे,कहीं स्थानीय पुलिस वालों की मिलीभगत तो नहीं*
भागलपुर : भागलपुर जिले में पटाखा बनाने व बेचने का लाइसेंस भले ही किसी के पास महज इसलिए नहीं हैं कि जिला प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। लेकिन इन कारोबारियों का मानना है कि उनकी इस अवैध कमाई की ठनक के आगे प्रशासनिक हनक और खनक कोई मायने नहीं रखती। इसलिए इस अवैध कमाई की स्रोत खतरनाक पटाखे आधी रात को भागलपुर की घनी आबादी वाले इलाके में प्रतिबंध के बावजूद ट्रकों से उतारे जा रहे हैं।
भागलपुर के चुनिहारी टोला, लहेरी टोला, हनुमान नगर, स्टेशन रोड, सराय-मंदरोजा जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में सड़क किनारे ट्रकों को खड़ी कर पटाखे तंग गलियों वाले घनी मोहल्ले में भंडारित किये जा रहे हैं। भंडारण वाले जगहों से भागलपुर और आसपास के इलाके में पटाखा खरीद बाद टोटो समेत अन्य छोटे वाहनों से पटाखे पहुंचाए भी जा रहे हैं।
सर्वाविदित है कि इस बार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली समेत बिहार राज्य के कई जिलों में इन पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं, भागलपुर जिले में 12 नवंबर 2020 के बाद जिला प्रशासन ने एक भी लाइसेंस का नवींकरण हीं किया है। जिला प्रशासन ने अबतक इसबार भी एक भी थोक विक्रेता का मानक पर खड़ा नहीं उतर पाने के कारण लाइसेंस जारी नहीं की है। बीते साल 2021 में दीपावली के दौरान 18 घंटे के लिए ग्रीन पटाखा बेचने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, इस मानक पर भी एक भी दुकानदार खड़ा नहीं उतर पाया था।
इस जिले में पटाखों के सात थोक विक्रेता थे। हरि प्रसाद डोकानियां, लड्डू गोपाल डोकानियां, प्रदीप कुमार मावंडिया, कैलाश प्रसाद मावंडिया को 25 अक्टूबर 2019 तक पटाखा बेचने का लाइसेंस प्राप्त था। शंकर लाल मावंडिया और पवन कुमार अग्रवाल को 12 नवंबर 2020 तक पटाखा बेचने की अनुमति मिली हुई थी। इसके बाद एक भी दुकानदार को न तो पटाखा बनाने की अनुमति दी गई और न ही बेचने की।
जिला प्रशासन इस बार भी कारोबारियों को पटाखा बेचने का लाइसेंस निर्गत नहीं किया है, लेकिन घनी आबादी वाले इलाकों में अवैध तरीके से पटाखा बिक्री किया जा रहा है। अबतक चोरी-छुपे लाखों की पटाखा बिक्री हो चुकी है। बीते साल दीपावली के दौरान सिर्फ ग्रीन पटाखा चलाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन लाखों के पटाखे फोड़ दिए गए थे।
पकड़े जाने पर विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दर्ज होगा केस : तीन मार्च 2022 की रात 11.30 बजे तातारपुर थाना क्षेत्र के काजवलीचक में हुए भीषण धमाके में 15 लोगों की मौत बाद से सख्त हुई भागलपुर पुलिस ने लगातार कई दिनों तक अभियान चलाकर बड़े पैमाने पर खतरनाक पटाखे, बारूद समेत विस्फोटक पदार्थों की बरामदगी करने में सफल रही थी। डीएम सुब्रत कुमार सेन ने सख्त कदम उठाते हुए पटाखा बिक्री के मानक पर खड़े उतरने के कारण एक भी आवेदक को पटाखा बिक्री या भंडारण की अनुमति नहीं दी। एसएसपी बाबू राम ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए विस्फोटक सामग्री, पटाखा बिक्री करने या भंडारण करते पकड़े जाने पर विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दज्र कर उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया था। एसएसपी बाबू राम के नेतृत्व में छापेमारी में एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम से एक बोरी एल्यूमीनियम चूरा बरामद किया गया था। ट्रांसपोर्टर के गोदाम से बरामद एल्यूमीनियम चूरा का मालिक आशीष गुप्ता का था। एसएसपी ने आशीष गुुप्ता के बबरगंज थाना क्षेत्र स्थित घर से भी एक ड्रम विस्फोटक पदार्थ बरामद किया था। खतरनाक पटाखा और लहसुनिया बम भी काजवलीचक स्थित गयानंद मंडल के घर से बरामद किया गया था। एसएसपी ने थानाध्यक्षों को पटाखा बिक्री और भंडारण करने वालों के विरुद्ध सख्त अभियान चलाने को कहा है। कोतवाली, जोगसर, इशाकचक, तातारपुर, नाथनगर, बरारी, तिलकामांझी, हबीबपुर, कजरैली, बबरगंज व मोजाहिदपुर पुलिस को विशेष सतर्कता बरतने को कहा है।
प्रतिबंध के बाद भी पटाखे का शहर में प्रवेश से उठ रहे सवाल : भागलपुर में पटाखे की खरीद और भंडारण का किसी को लाइसेंस निर्गत नहीं होेने के बाद भी भागलपुर में बड़े पैमाने पर शिवकाशी, मऊ आइमा, फाफामऊ और अन्य राज्यों से बड़े पैमाने पर पटाखे के प्रवेश और उपलब्धता से पुलिस पर भी सवाल उठने लगे हैं। शराब की तरह तमाम प्रतिबंध को धत्ता बताते हुए बड़े पैमाने पर पटाखा कैसे भागलपुर पहुंच रहा है। इसको लेकर लोग तरह-तरह के सवाल करने लगे हैं।