जनपथ न्यूज डेस्क, पटना
9 जुलाई 2022
पटना: राज्य सरकार ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के तहत बिहार कौशल विकास मिशन के अंतर्गत पशुपालन प्रक्षेत्र के लिए स्वरोजगार के सृजन हेतु प्रशिक्षण योजना की स्वीकृति प्रदान की है। इस आशय की जानकारी देते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि इस योजना के तहत पशुपालन क्षेत्र के लिए तकनीकी विधाओं से इच्छुक लोगों को प्रशिक्षित किया जाता है, जिसे आगे भी चालू रखने की नितांत जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस योजना के लिए वर्ष 2022-23 में 01 करोड़ 51 लाख 50 हजार रुपए के बजट पर प्रशिक्षण योजना की स्वीकृति प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के युवक एवं युवतियों को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के तहत पशुपालन क्षेत्र की विभिन्न विधाओं और कार्यक्रमों में प्रशिक्षण देकर उन्हें तकनीकी और व्यवसायिक योग्यता तथा क्षमता वर्धन करना है। इसके तहत सभी प्रशिक्षण कार्य बिहार कौशल विकास मिशन के द्वारा समय-समय पर निर्धारित मार्गनिर्देशों के आधार पर कराया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में पशुपालन की विभिन्न विधाओं यथा: लाइव स्टॉक सर्विस प्रोवाइडर, आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन टेक्निशियन, डेयरी फार्मर, एंटरप्रेन्योर, डेयरी फार्मर सुपरवाइजर, गोट फार्मर, ब्रायलर फार्म वर्कर, लेयर फार्म वर्कर इत्यादि तकनीकी विधाओं में इच्छुक लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बिहार सरकार आत्मनिर्भर बिहार सात निश्चय के कार्यक्रमों के तहत युवा शक्ति के स्वावलंबन एवं स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। पशुपालन प्रक्षेत्र के तहत विभिन्न विधाओं में इस योजना के माध्यम से युवक और युवतियां तकनीकी रूप से प्रशिक्षित हो सकेंगे, जिससे उन्हें रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार कौशल विकास मिशन के अंतर्गत दिए जाने वाले प्रशिक्षण की योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु पशुपालन निदेशक को जिम्मेवारी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के क्रियान्वयन हेतु राज्य स्कीम के अंतर्गत 1 करोड़ 51 लाख 50 हजार रुपए कर्णांकित है, जिसमें से सामान्य घटक के तहत एक करोड़ रुपए, अनुसूचित जातियों के लिए विशेष घटक योजना के तहत 50 लाख रुपए तथा जनजातीय क्षेत्रों की उप योजना के तहत डेढ़ लाख व्यय किए जाएंगे।