*छात्रों ने किया हंगामा, यहां नहीं होती है सालों भर पढ़ाई, भाड़े के एक छोटे से कमरे में चलता है दफ्तर*

जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना, भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
13 अक्टूबर 2022
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भागलपुर : भागलपुर जिले में 12वीं की छात्र सेंटअप परीक्षा देने के लिए 200 मीटर तक गंदे पानी से होकर गुजरते हैं। मामला शहर के भागलपुर सीटी कॉलेज का है,जहां बुधवार को करीब 2 हजार छात्रों का सेंटअप परीक्षा आयोजित था। बता दे कि इस सेंटअप परीक्षा को देने के लिए जिले के दूर दराज इलाकों से छात्र-छात्राएं पहुंचे हुए थे, लेकिन परीक्षा के लिए कॉलेज में जाने के लिए सभी छात्रों को बूढ़ के जमा गंदे पानी से चलकर गुजरना पड़ रहा था। उस गंदे पानी में चर्म रोग जैसे बीमारियों के फैलने की प्रबल संभावना को देखते हुए छात्रगण भयभीत व आशंकित दिख रहे थे। वहीं, इस पानी के ऊपर एक नाले को पार करने के लिए एक चाचरी का पुल बनाया गया है, जिसके ऊपर सभी छात्र और छात्राएं गुजर रहे थे।

छात्रों में दिखा आक्रोश : छात्रों ने बताया कि एक तो इस काॅलेज में सालों भर पानी का जमाव रहता है और इसी कारणवश यहां कभी कोई पढ़ाई नहीं होती है। ऊपर से इतने गंदे पानी में परीक्षा देने के लिए बुला लिया गया है। इस रास्ते के आस-पास बड़े-बड़े गड्ढे है, अगर गलती से कोई बच्चा उस गड्ढे में गिर जाए तो उसका जिम्मेवार कौन होगा। छात्रों ने मौजूद मीडिया कर्मियों को दिखाया कि जिन सड़कों के ऊपर पानी में वो चल रहे हैं, उसके नीचे बड़े-बड़े गिट्टी और रोड़े है,जो आने जाने के दौरान उनके पैरों में गड़ रहे थे।

छात्रों ने कहा कि जितना पानी सड़क पर जमा है, उससे जायदा पानी अंदर कॉलेज कैंपस में जमा हुआ है और हमें सब झेलते हुए यहां जाना पड़ेगा। छात्रों ने सवालिया लहजे में पूछा कि ऐसे में हमलोग परीक्षा कैसे देंगे। वहीं, इस गंदे पानी में आने-जाने को लेकर छात्राओं ने रोष भी व्यक्त किया है। छात्राओं का कहना था कि परीक्षा के चक्कर में हमें इन गंदे पानी में बीमारियां भी हो जाएंगी।

गौरतलब है कि भागलपुर सिटी कॉलेज का दफ्तर शहर के मशाकचक स्थित एक छोटे से भाड़े के कमरे में चल रहा है, जहां काॅलेज का ऑफीसियल काम-काज होता है। यहां पर सालों भर बाढ़ व बारिश का पानी जमा होने के कारण इस कॉलेज में कभी पढ़ाई नहीं होती है लेकिन सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन के ऑनलाइन नियमा नुकूल दाखिले की प्रक्रिया का खामियाजा उन छात्रों को बेवजह भुगतनी पड़ती है जिनके नाम ऑनलाइन दाखिले में इस कॉलेज में निकल आता है। उच्च शिक्षा के नाम पर इस कॉलेज के छात्र-छात्राएं अपनी फूटी किस्मत पर आठ-आठ आंसू बहाते हुए शिक्षा की प्रक्रिया को पूरा करते हैं। बहरहाल, सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन को चाहिए कि छात्र-छात्राओं के सुदृढ़ भविष्य के लिए इस दिशा में शीघ्र सकारात्मक पहल करें।

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