जनपथ न्यूज़:-  भारी तापमान की वजह से पूरा पटना लगातार तप रहा है. बुधवार के बाद गुरुवार को भी राजधानी पटना खूब तप रहा है. इस तरह लगातार दूसरे दिन भी शहर का उच्चतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस रहा. पटना में तेज धूप और भीषण गर्मी से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. पटना में गुरुवार को तापमान 42 डिग्री सेल्सियस है.
आपको बता दें कि मंगलवार की अपेक्षा बुधवार को न्यूनतम तापमान में एक डिग्री सेल्सियस का इजाफा हुआ है. न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहा. हालांकि अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक दर्ज किया गया है. शहर की हवा में औसत आर्द्रता केवल 10 फीसदी रही. आइएमडी पटना के मुताबिक अगले तीन दिन राजधानी लू की चपेट में और रहेगी.
बुधवार को हवा की रफ्तार आज काफी कम रही. हालांकि सोलर रेडियेशन काफी अधिक 500 वाट्स प्रति सेकेंड/मीटर रहा, जिसकी वजह से त्वचा पर गर्मी का असर ज्यादा महसूस हुआ. मॉनसून के नजरिये से देखा जाए, तो मई माह में अभी तक की गर्मी रिकार्ड तोड़ तो नहीं रही, लेकिन इन दिनों में उच्चतम और न्यूनतम तापमान जबरदस्त रहे हैं.
एक आधिकारिक अध्ययन के मुताबिक उच्चतम तापमान की समयावधि काफी बढ़ी है. सुबह करीब 10 बजे से शाम पांच बजे के बाद तक औसत तापमान चालीस डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है. इस दौरान एंबिएंट तापमान कई बार 45 पार भी देखा गया. फोनी तूफान के दो-तीन दिन अपवाद स्वरूप छोड़ दिए जाएं, तो शेष दिनों में तापमान 40 डिग्री पार ही रहा है. उदाहरण के लिए एक मई को 40, दो मई को 39, तीन और चार मई फोनी सायक्लोन से प्रभावित रहे, इस दौरान शहर का उच्चतम तापमान क्रमश: 35 और 34 डिग्री दर्ज किया गया.
इसके बाद फिर पांच मई को 41 डिग्री, छह मई को 42 डिग्री, सात मई को 43 डिग्री सेल्सियस उच्चतम तापमान दर्ज किया गया.

तापमान का असर

मई माह का तपना मॉनसून के लिहाज से सकारात्मक माना जाता है. मौसम के लिहाज ये यह सामान्य अवधारणा है कि बिहार समेत समूचा उत्तरी भारत मई माह में जितना अधिक तपेगा, मॉनसून उतना ही अच्छा आयेगा. बिहार के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ प्रधान पार्थ सारथी ने बताया कि गर्मी में अच्छी गर्मी पड़ना स्वाभाविक है. मॉनसून इससे समय पर और मजबूती से आयेगा, क्योंकि मॉनसूनी हवाओं को आकर्षित करने में गर्मी की खासी अहम भूमिका होती है. वरिष्ठ मौसम विज्ञानी पार्थसारथी के मुताबिक मई माह अभी और तपेगा.

561 मेगावाट पर पहुंचा पेसू का लोड, बार-बार हो रही ट्रिपिंग

पारा के 42 डिग्री पार करने के बाद पेसू का लोड बढ़ कर अपने उच्चतम सीमा को भी पार करने लगा है. पंखा के साथ साथ कूलर और एसी के लगातार चलने के कारण बुधवार को यह 561 मेगावाट पर पहुंच गया. लोड बढ़ने के कारण कई क्षेत्रों में ब्रेकडाउन हुआ और फ्यूज कॉल सेंटर पर भी दिन भर बिजली कटने के कॉल आते रहे. जिन सेंटरों पर दिन भर में पांच से सात कॉल आते थे, वहां अब इनकी संख्या बढ़ कर 15-17 तक पहुंच गयी है.

दीघा और करबिगहिया में सबसे अधिक ट्रिपिंग

दीघा और करबिगहिया ग्रिड का लोड पिछले दो दिनों से आवंटित अधिकतम लोड से भी ऊपर चला जा रहा है. मंगलवार को दीघा का लोड आवंटित लोड से 15 मेगावाट और बुधवार को 8 मेगावाट अधिक था जबकि करबिगहिया का लोड मंगलवार को आवंटित अधिकतम लोड से 8 मेगावाट और बुधवार को 11 मेगावाट अधिक था. ओवरलोड से सबसे अधिक ट्रिपिंग का सामना ग्रिडों के लोगों को ही करना पड़ रहा है.

रात में भी कट रही बिजली

लोड बढ़ने का असर है कि दिन ही नहीं रात में भी बिजली कट रही है. सीडीए कॉलोनी, एजी कॉलोनी, शास्त्रीनगर, चांदमारी रोड और कंकड़बाग समेत कई मुहल्लों की बिजली बुधवार को कई बार आयी और गयी. कुछ मुहल्लों में यह ट्रिपिंग 5-10 मिनट के लिए हुआ जबकि कई मुहल्लों में एक-डेढ़ घंटे तक बिजली गुल रही.

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *