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रांची से आया नारेबाजी का आदेश :मुख्यमंत्री

जनपथ न्यूज़ :-  मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के सिलसिले में विपक्षी राजद के विधायकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग को लेकर सोमवार को बिहार विधानसभा में हंगामा और नारेबाजी की, जिस पर नीतीश ने चारा घोटाले में सजायाफ्ता और रांची के रिम्स अस्पताल में इलाज करा रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का नाम लिए बगैर कहा कि ‘‘रांची से आये आदेश’ पर यह नारेबाजी हो रही है.
गौरतलब है कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून (पॉक्सो) की धाराओं के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई करने वाली एक अदालत ने पिछले हफ्ते मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के एक आरोपी की अर्जी में उठाये गये बिंदुओं की छानबीन के लिए मामले को सीबीआई के पास भेज दिया था. इस अर्जी में 2013 से 2018 के दौरान आश्रय गृह को राशि आवंटित किये जाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और समाज कल्याण विभाग के कई शीर्ष नौकरशाहों की भूमिका की जांच की मांग की गयी थी.
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में 30 से अधिक लड़कियों के यौन शोषण का मामला सामने आया था. इस कांड की जांच अब सीबीआई कर रही है. आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राजद सहित अन्य विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा शुरू किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी गयी. भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी अपनी मांग पर अडे़ रहे और आसन के निकट आकर नारेबाजी शुरू कर दी.
विपक्षी सदस्यों के हंगामे पर सदन में मौजूद मुख्यमंत्री नीतीश ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद का नाम लिए बिना उनकी ओर इशारा करते हुए कहा ‘‘जिसको लेकर ये हंगामा कर रहे हैं उस पर आधा से ज्यादा लोगों की सहमति नहीं है, लेकिन आदेश आ गया कहां से. रांची से आदेश आ गया. इसलिए जो मन में आ रहा है बोल रहे हैं बोलते रहिए, मस्त रहिए. मुझे उसकी कोई चिंता नहीं है.’
नीतीश ने आगे कहा, ‘‘लेकिन याद रखियेगा, आज का दिन ऐतिहासिक है. आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण की सुविधा शुरू करने के लिए एक विधेयक लाया गया है. इस तरह के कानून को सर्वसम्मति से पारित किया जाना चाहिए था. जो लोग सदन की कार्यवाही में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें याद रखना चाहिए कि आपको इसका जवाब जनता को देना पड़ेगा.’
चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद वर्तमान में रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में इलाजरत हैं. विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सदन द्वारा ‘‘बिहार पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों तथा शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए) आरक्षण विधेयक 2019′ और ‘‘बिहार निजी विद्यालय (शुल्क विनियमन) विधेयक 2019′ सहित कुल सात विधेयकों को ध्वनि मत से पारित किए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन की कार्यवाही आगामी 20 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी.

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