जनपथ न्यूज़:- बिहारशरीफ। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि शहर के तमाम क्षेत्रों में जमीन दलालों की सक्रियता है। जो भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। कई क्षेत्रों में उन्होंने बजाप्ता ऑफिस खोल रखी है। जहां लोगों को ठगने की सारी व्यवस्थाएं हैं। यह खेल लंबे समय से शहर में चल रहा है। लेकिन इस पर अंकुश लगाने में सरकार तथा प्रशासन दोनों ही नाकाम रही। कई क्षेत्रों में तो एक ही जमीन को कई बार बेच दिया गया है। ऐसे में जमीन खरीदने के बाद भी लोगों को कोर्ट का चक्कर लगाना पड़ रहा है। प्रशासनिक मौन तथा सरकार की सुस्ती के कारण जमीन दलालों ने शहर के अधिकांश तालाबों तक नदी के बड़े भाग को बेच डाला है। जिसपर मकान बनाकर लोगों की एक बड़ी संख्या निवास कर रही है। इन निर्वासित लोगों को हटा पाना प्रशासन के बूते से बाहर है। नदी के 1 एकड़ 27 डिस्मिल भूभाग को बेच डाला जमीन दलालों ने
शनिवार को नगरनिगम क्षेत्र के वार्ड 43 कटरा पर स्थित नदी के भूभाग को बेचे जाने की सूचना सामने आई। सूचना मिलते ही नगरनिगम कर्मियों ने स्थल निरीक्षण किया। कई एकड़ में फैले नदी के अधिकांश भाग में मकान बना दिखा। जमीन धारकों ने कहा कि उन्होंने कई साल पहले इस जमीन की खरीद की है। आश्चर्य की बात तो यह है कि जमीन दलालों ने किसी अन्य जमीन का कागज दिखाकर उन्हें यह जमीन बेची है। निगम कर्मियों ने शेष बची जमीन पर नगर निगम का बोर्ड लगाकर नदी की इस जमीन की बिक्री को अवैध बताया। नदी के इस जमीन का मौजा कमरपुर, पहड़पुर, वहीं खाता 222, खसरा 592, रकबा 1 एकड़ 27 डिस्मिल है।
नदी तालाबों को बेचा जाना प्रशासन की सुस्ती का नतीजा
जमीन दलालों के फैले व्यापार का मुख्य कारण अधिकारियों की सुस्ती रही है। जब नदी को भरा जा रहा था तो प्रशासन के लोग कहां थे? कई जगहों पर हो रहे निर्माण की सूचना तक अधिकारियों को दी गई लेकिन उन्होंने इसमें रूचि दिखाना मुनासिब नहीं समझा। जिसका परिणाम आज सामने है। शहर के अधिकांश तालाब तथा नदी गायब हैं। पुलपर, कटरा पर, सोहसराय सहित शहर के कई भागों में नदियां कलकल बहा करती थी। लेकिन संरक्षण के अभाव में नदियों का भूभाग गायब होता चला गया। एक प्रकिया वर्षों से चली आ रही है। इतने लंबे समय के बाद आज प्रशासन की नींद खुली है।
क्या कहते नगर आयुक्त
शहर के वार्ड 43 कटरा पर स्थित नदी के बड़े भूभाग पर कब्जे की बात सामने आई। जब भूमि का स्थल निरीक्षण किया गया तो बातें हैरत करने वाली थी। नदी के अधिकांश भूभाग पर लोगों का कब्जा था। बचे भूभाग पर फिलहाल नगरनिगम की बोर्ड लगा दी गई है। इस भूभाग पर बसे लोगों को जल्द नोटिस भेजकर उनपर कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में डीएम से बात की जा रही है।