जनपथ न्यूज़ डेस्क
जितेंद्र कुमार सिन्हा
30 अप्रैल 2023

पटना (गुवाहाटी/दिल्ली): जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 15 अप्रैल 2023 को एक इंटरव्यू में कहा है कि फरवरी, 2019 में पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराने संबंधी आरोप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को हैरतअंगेज बताते हुए जदयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि यह आरोप इसलिए भी अत्यंत गंभीर हो जाता है कि श्री मलिक ने कहा कि पीएम मोदी को जब यह कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय से सीआरपीएफ द्वारा पूर्व में ही केंद्रीय गृह मंत्रालय से 5 एयरक्राफ्ट माँगे थे, क्योंकि उनकी दृष्टि में, जवानों को पाक सीमा से अत्यंत निकट के संवेदनशील राजमार्ग से ले जाना सुरक्षित प्रतीत नहीं होता था, क्योंकि 18 इंटेलिजेंस इन्पुट्स हिजबुल मुजाहीदीन की गतिविधियों की उस क्षेत्र में आशंका जाहिर कर रहे थे।इसीलिए सीआरपीएफ जवानों को सड़क मार्ग की बजाय माँगे गये 5 एयरक्राफ्ट के जरिए सुरक्षित गंतव्य तक पहुँचाने की माँग सीआरपीएफ अधिकारियों द्वारा की गई थी। यदि यह 5 एयरक्राफ्ट उन्हें मिल गया होता, तब आतंकवादी भारत की सार्वभौमिकता पर हमले में कामयाब नहीं हो पाते, तो श्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें चुप रहने को कहा, साथ ही, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी श्री मलिक से यही नसीहत साझा किया।

श्री प्रसाद ने हैरानी व्यक्त करते हुए पीएम मोदी, तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह एवं एनएसए अजीत डोभाल कब जवाब देंगे क्योंकि श्री मलिक के द्वारा 15 अप्रैल 2023 यानि आज से दो सप्ताह पहले ही यह संगीन आरोप लगाया गया है, साथ ही, पूर्व थल सेनाध्यक्ष श्री शंकर रॉय चौधरी द्वारा भी इस मामले में कोलकाता के एक प्रमुख दैनिक को साक्षात्कार में श्री मलिक के बयान से सहमति जताते हुए कहा गया कि पुलवामा में जानमाल के नुकसान की प्राथमिक जिम्मेदारी प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार की है, जिसे एनएसए द्वारा सलाह दी जाती है।

उन्होंने कहा कि जिस सरकार की लापरवाही से 40 जवान शहीद हुए, उसे भी बीजेपी ने 2019 लोकसभा चुनाव में भुनाया, पूरे देश में उन्होंने शहीदों के पोस्टर्स लगाकर वोट माँगे, स्वयं पीएम मोदी ने भी चुनाव सभाओं में शहादत के लिए वोट माँगे।

श्री प्रसाद ने कहा कि यदि बीजेपी में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो पब्लिक डोमेन में आकर अपना पक्ष स्पष्ट करे।

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