जनपथ न्यूज डेस्क, पटना
Edited by: राकेश कुमार
मई 10, 2022
पटना: आज दिनांक 09/05/2022 की संध्या में बिहार स्टेट बार कौंसिल भवन में बिहार एडवोकेट्स एक्शन फोरम द्वारा आयोजित सेमिनार के बिंदु पर बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता उच्च न्यायालय पटना के वरीय अधिवक्ता श्री योगेश चंद्र वर्मा ने किया । विभिन्न जिला न्यायालयो के अधिवक्ताऔ और उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओ ने सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव रखा कि सेमिनार में माननीय विधि मंत्री बिहार को बुलाया जाय और इन्द्रदेव प्रसाद जी का कहना है कि इलाहाबाद एवं दिल्ली से अधिवक्ताओं के आने की सहमति मिल गई है। आज के बैठक का संचालन रामजीवन प्रसाद सिंह द्वारा किया किया गया और बैठक में वरीष्ठ अधिवक्ताओं में शिव कुमार यादव , अन्नपूर्णा कुमारी, इन्द्रदेव प्रसाद, बीरेन्द्र शर्मा, सुनील कुमार सिंह, सुरेश प्रसाद सिंह, शैलेन्द्र कुमार सिंह, प्रियंका सिंह, राजा राम राय, महेश रजक, प्रेम कुमार पासवान, मणिलाल, सुबोध प्रसाद , विश्वरंजन चौधरी, कामेश्वर सिंह, अजय यादव,आदि कई अधिवक्ता उपस्थित थे और 10/05/2022 को फिर 5:00 बजे पुनः सभी अधिवक्ताओं ने बैठक रखा है जिसमें ” न्यायाधीशों की कमी का दुष्प्रभाव,” विषय पर 14/5/2023 को आयोजित विचार गोष्ठी की आगे की तैयारी पर विचार करेंगे और कोशिश करेंगे कि जगजीवन राम राजनीतिक अध्ययन एवं संसदीय शोध संस्थान पटना ( बिहार विधान मंडल के गेट नम्बर-2 के सामने) में पूरे बिहार से 500 से अधिक सम्मानित अधिवक्तागण को शामिल हो सकें।

न्यायालय में न्यायाधीशों की कमी है जिसके वजह से लाखों मुकदमे लंबित पड़े हुए हैं जिसके वजह से पटना उच्च न्यायालय में और दूसरे न्यायालयों में लाखों मुकदमें लंबित पड़े हुए हैं। बेल की सुनवाई भी नहीं हो पा रही है। त्वरित निष्पादन व न्याय का सिद्धांत मृतप्राय हो गया है।न्यायालय में न्यायाधीशों की कमी के कारण अधिवक्ताओं और नागरिकों को अनेको समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बेल होने में देरी, अनावश्यक जेल में रह रहे हैं व्यक्तियों एवं विभिन्न समस्याओं पर गहन चर्चा होगी और आगे न्यायाधीशों की नियुक्ति अविलम्ब किया जाए और शेट्टी कमीशन और अन्य जो माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय है उसके अनुसार जो पद सृजित होना चाहिए उन पदों का सृजन करके और पूरे बिहार में लगभग 6500 ऑफिसर्स का और पटना उच्च न्यायालय में 70 न्यायाधीशों की नियुक्ति की व्यवस्था की जानी चाहिए इन उद्देश्यों की के लिए हमलोग मिलकर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा आयोग के गठन सहित आगे के कार्यक्रमों की तैयारी करेंगे।
बता दे कि 14/05/2022 को जगजीवन राम राजनीतिक अध्ययन एवं संसदीय शोध संस्थान में आयोजित सेमिनार में सभी अधिवक्ताओं की उपस्थिति महत्वपूर्ण है।

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