समिति प्रमुख ने सीएम,सांसद,विधायक जिला प्रशासन को लिखा पत्र*
जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
20 मार्च 2023
भागलपुर : जिले के कहलगांव में पर्यटन विभाग बिहार सरकार द्वारा दो दिवसीय विक्रमशिला विश्वविद्यालय खुदाई स्थल पर विक्रमशिला महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दरभंगा से आए कलाकार विपिन मिश्रा के शंखनाद से हुआ।
इसके बाद मैथिली व भोजपुरी के क्षेत्रीय कलाकारों एवं स्कूली छात्र छात्राओं के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मशहूर गायक कलाकार अल्ताफ राजा ने अपने सुरों से समा बांध दिया। वहीं सारेगामा फेम की कलाकार लाज ने भी अपने सुरों से समा बांधा। कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, एसएसपीं आनंद कुमार , डीडीसी अनुराग जी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
*मंजूषा पेंटिंग से सजाया गया द्वार*: कार्यक्रम के तोरण द्वार को मंजूषा पेंटिंग से सजाया गया है एवं कई विभागों द्वारा कई स्टाॅल लगाए गए हैं। लोकल उत्पादक को बढ़ावा मिले, इसके लिए कई स्टॉल लगाए गए हैं। रेशमी वस्त्र का स्टॉल, मंजूषा पेंटिंग का स्टॉल लोगों को खूब भा रही है।
वहीं कार्यक्रम के उद्घोषक के रूप में अजय अटल और पटना दूरदर्शन से आई उद्घोषिका रूपम त्रिविक्रम थे। कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक,डीडीसी कहलगांव विधायक पवन यादव, पीपैंती विधायक ई.ललन कुमार अलावे दर्जनों अतिथि व विशिष्ट अतिथिगण मौजूद थे।
गौरतलब हो कि विक्रमशिला महोत्सव में एक तरफ जहां मैथिली और भोजपुरी भाषा भारतीयों के कार्यक्रम व कलाकारों को तरजीह दी गई है,वहीं अंग प्रदेश के इस ऐतिहासिक धरोहर विक्रमशिला महोत्सव में अंगिका भाषा के कवि साहित्यकार व रंगकर्मी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। इसे लेकर अंग प्रदेश के कभी साहित्यकारों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है।
इस बाबत अंग उत्थान आन्दोलन समिति,बिहार-झारखंड के केंद्रीय अध्यक्ष गौतम सुमन गर्जना ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित बिहार सरकार के मुख्य सचिव, स्थानीय सांसद व पूर्व सांसद समेत स्थानीय सभी विधायक और जिला प्रशासन को पत्र लिखकर अनुरोध पूर्वक बताया है कि हमारे अंग महाजनपद के लोकसभा क्षेत्र, भागलपुर के कहलगांव में विक्रमशिला महोत्सव में भोजपुरी और मैथिली के कार्यक्रम को शामिल किया गया है लेकिन यहांँ की मातृभाषा अंंगिका को इसमें शामिल नहीं किया गया,जिससे अंग क्षेत्र के कवि-साहित्यकार व रंगकर्मी सहित अन्य लोग खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
प्रेषित पत्र में अध्यक्ष श्री गर्जना ने अपील करते हुए कहां है कि अब 22, 23 एवं 24 मार्च को बिहार सरकार के निर्देश पर सभी जिलों में बिहार दिवस मनाए जाएंगे। इसलिए समय रहते इस पर संज्ञान लेते हुए अंग प्रदेश की मातृभाषा अंगिका के कार्यक्रमों एवं कवियों को भी आयोजित बिहार दिवस के कार्यक्रम में स-सम्मान शामिल करने -कराने हेतु पदाधिकारियों को निर्देशित करने की कृपा किये जायें।
इधर अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच के सुधीर कुमार प्रोग्रामर ने स्थानीय सांसद को पत्र लिखकर विक्रमशिला महोत्सव में अंगिका की उपेक्षा पर दुख प्रकट किया है इसके साथ ही बिहार दिवस के लिए उन्होंने उन्हें अंग प्रदेश के मुख्य व चर्चित कवियों की सूची भी उपलब्ध कराई है!