जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
1 फरवरी 2023

भागलपुर/पटना : नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल कर बैठे राजद विधायक सुधाकर सिंह ने अपनी पार्टी के शो कॉज नोटिस का जवाब दे दिया है। सुधाकर सिंह ने पांच पन्नों का जवाब राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी को भेज दिया है।सुधाकर सिंह ने कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया है,जिससे राजद को कोई नुकसान हो।

शुभ भास्कर ने जब सुधाकर सिंह से इस बाबत बात की तो उन्होंने ये स्वीकार किया कि जवाब भेज दिया है। लेकिन सुधाकर सिंह ने ये बताने से इंकार कर दिया कि अपने जवाब में उन्होंने क्या सब लिखा है। सुधाकर सिंह ने कहा कि ये उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है, जिसे किसी मीडिया के सामने नहीं बोला जा सकता है। उन्होंने अपना जवाब भेजा है, अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव इस पर फैसला लेंगे।
हालांकि सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक सुधाकर सिंह ने अपने जवाब में कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया,जो पार्टी लाइन के खिलाफ हो। वे तो पार्टी को मजबूत करने के लिए अभियान चला रहे हैं। पार्टी के अनुशासन के दायरे में रहकर ही वे गरीबों, किसानों के हित की बात कर रहे हैं। सुधाकर सिंह ने पार्टी नेतृत्व को ये बताया कि वे बार-बार अपने भाषणों में इसका जिक्र कर रहे हैं कि लालू प्रसाद यादव औऱ राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री रहते कैसे गरीबों, पिछड़ों औऱ किसानों के हित में काम किया गया। ऐसे में उन पर अनुशासनहीनता का कोई मामला नहीं बनता है।

गौरतलब हो कि नीतीश कुमार के प्रति टिप्पणी को लेकर राजद नेतृत्व ने पिछले 18 जनवरी को विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सुधाकर सिंह को नोटिस जारी करते हुए लिखा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव) के संज्ञान में आया है कि एक बार फिर से आपने गठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लघंन किया है।
जबकि राजद के राष्ट्रीय अधिवेशन में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि गठबंधन के मसलों और शामिल दलों के शीर्ष नेतृत्व के संदर्भ में सिर्फ राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव या उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही बात करने के लिए अधिकृत हैं। इसके बावजूद आपने इस प्रस्ताव का उल्लघंन किया है।आप कृपया 15 दिनों के अंदर यह स्पष्टीकरण दें कि क्यों नहीं आपके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।

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