जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
1 फरवरी 2023
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का वार्षिक बजट एक सत्र में 1.6 अरब बढ़ गया, जबकि आंतरिक स्रोत से आय 65 लाख घट गई। वित्तीय वर्ष 2022-23 में विवि ने कुल अनुमानित घाटा 6,14,28,84,748 दिखाया था जाे इस बार 7,80,04,84,697 है। यानी लगभग 1.6 अरब की वृद्धि हुई है। दूसरी तरफ पिछले बजट में आंतरिक स्रोत से 9,75,31,049 रुपए आय दिखाई गई थी जाे इस बार 9,09,72,500 दिखाई गई।
आय के स्रोत में कमी की चार प्रमुख वजह हैं। पहली यह कि नामांकन कम हुआ है। पिछले साल 66000 सीटों में 36000 छात्रों का नामांकन हुआ था और 30000 सीटें खाली रही थीं। इस बार 88000 सीटें थीं और नामांकन लगभग 42000 हुआ। ऐसे में आधी से ज्यादा सीटें खाली रह गईं। दूसरी वजह यह बताई गई कि ज्यादातर कॉलेजों ने वोकेशनल कोर्स से हाेने वाली आय से विवि का हिस्सा नहीं दिया है।
तीसरा विवि के विभिन्न बगीचों की बंदोबस्ती नहीं हुई है। चौथी और सबसे बड़ी वजह बजट में आय का जिक्र नहीं होना है जिसको लेकर बजट पर सवाल उठा कि यह बजट ही झूठा है। दरअसल, बजट में सात मदों में विवि ने आय का जिक्र ही नहीं किया है। जबकि एक-दाे मदों में आधी आय का ही जिक्र किया गया है।
सदस्य मृत्युंजय सिंह गंगा ने कहा कि यूएमआईएस से हुए नामांकन की आय शून्य दिखाई गई है जबकि इस के लिए 60,000 आवेदन आए थे और हरेक छात्र से नामांकन के आवेदन के रूप में 300 रुपए लिए जाते हैं। पीजी में दाखिले के लिए 3800 आवेदन आए थे और लगभग 3000 नामांकन हुआ था। पीएचडी एडमिशन टेस्ट के लिए 33 लाख रुपए जमा हुए थे।
पीजी विभागों में दाे बार नामांकन हाेता है लेकिन केवल एक बार के नामांकन से हुई आय का जिक्र किया गया है। चंपा पत्रिका की छपाई के लिए एफिलिएटेड कॉलेजों, बीएड कॉलेजों, इलाहाबाद बैंक से मिली सहयोग राशि का भी जिक्र नहीं है।
कुलपति का मेडिकल भत्ता पांच लाख से 45 लाख हुआ : वीसी का मेडिकल भत्ता एक वित्तीय वर्ष में पांच लाख से बढ़ाकर 45 लाख कर दिया गया। मृत्युंजय सिंह गंगा ने कहा कि पूरा सदन प्रार्थना करता है वीसी हमेशा स्वस्थ रहें लेकिन विवि बताए कि नौ गुना वृद्धि किस हिसाब से की गई। इस पर वीसी ने कहा कि उन्हें कुछ ऐसी बीमारियां हैं जिनका जिक्र वह सदन में नहीं कर सकते हैं। यह सिर्फ अनुमानित बजट है। सरकार इतनी राशि देती है क्या? वीसी ने कहा कि यह (बीमारी) मानवीय पहलू है। इस पर सवाल नहीं उठाना चाहिए था।
नई नियुक्ति,नैक मद में प्रावधान से बढ़ा बजट : बजट में वृद्धि अब तक नियुक्त हुए शिक्षकों के वेतन, रिटायर हुए कर्मियों की पेंशन और अन्य मदों के लिए प्रावधान किए जाने के साथ हाेने वाली नई नियुक्ति और नैक मूल्यांकन काे लेकर भी हुई है। विवि ने सरकार से विवि सेवा आयोग से 2023-24 में शिक्षकों की हाेने वाली बहाली और नैक से हाेने वाले मूल्यांकन के लिए भी राशि मांगी है।
संशोधन के प्रस्ताव के साथ विवि के 7.8 अरब का बजट पास : टीएमबीयू के वित्तीय वर्ष 2023-24 के 7.8 अरब का अनुमानित बजट सीनेट ने संशोधन के प्रस्तावों के साथ पास कर दिया। अब इसे सरकार काे भेजा जाएगा। इससे पहले इसमें सदस्यों द्वारा बताई गईं गड़बड़ियों काे दूर किया जाएगा। वीसी प्रो. जवाहर लाल ने ये दोनों काम दाे दिनाें में करने का निर्देश अफसरों व कर्मियों काे दिया। वीसी ने कहा कि इस बार बजट में जाे भी गलतियां या गड़बड़ियां हैं, वे अगली बार नहीं हाेंगी।
समस्याएं बताने पहुंचे छात्र नेताओं की पुलिस से झड़प : सीनेट की बैठक के दाैरान छात्रों की समस्याएं बताने पहुंचे एबीवीपी और आईसा के कार्यकर्ताओं की पुलिस से जमकर झड़प हुई। छात्र नेता बैठक के दाैरान सदन में जाना चाहते थे। लेकिन पुलिस रोक रही थी। इस बीच कुछ छात्र नेताओं ने गेट काे धक्का देना शुरू कर दिया। वे मांग कर रहे थे कि विवि के छात्र लेट सत्र, लंबित डिग्री और परीक्षाएं समय पर नहीं हाेने से परेशान हैं जबकि उनकी बात सीनेट में रखने के लिए काेई प्रतिनिधि नहीं है। इसलिए उन्हें अंदर जाने दिया जाए।
गेट काे बार-बार धक्का देने पर पुलिस भी इनसे उलझ गई। हालांकि बाद में मामला शांत हुआ। आईसा ने विवि संयोजक प्रवीण कुशवाहा के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। प्रवीण कुशवाहा ने कहा कि लगभग दाे महीने से वीसी ऑफिस में दाे से तीन दिन भी नहीं रहे हैं। छात्रों के भविष्य के प्रति वह गंभीर नहीं हैं। आईसा जनसंपर्क अभियान चलाकर मार्च के पहले सप्ताह से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेगा।