जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
1 फरवरी 2023

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को देश का बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने दुनिया की सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था के बीच देश की आर्थिक गति बनाए रखते हुए यह बजट पेश किया है और बताया कि भारत विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन चुका है। बजट में किसानों, महिलाओं और समाज के वंचित, पिछड़े वर्गों को आगे बढ़ाने के लिए कई निर्णय लिये गये हैं, जो यह बयां कर रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के विकास पर अपना ध्यान केंद्रित रखने में सफल रही है। आप इसे 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सरकार का लोकलुभावन बजट भी कह सकते हैं। सरकार की आय के प्रमुख साधन जीएसटी के रूप में प्राप्त टैक्स, आयकर, विभिन्न सेवाओं पर लाइसेंस फीस और अन्य टैक्स,विनिवेश और देश-विदेश की संस्थाओं से कर्ज लेना शामिल होता है। पिछले छह महीने से ज्यादा समय से जीएसटी का कुल संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से पार रहा है। टेलीकॉम क्षेत्र के लाइसेंस क्षेत्र से भी सरकार ने बड़ी राशि देने की घोषणा की है तो वहीं खाद्य पदार्थों,प्रसंस्कृत उत्पादों, कपड़ा-मशीनों और सेवाओं के क्षेत्र में भी सरकार ने रियायत देकर महंगाई को नियंत्रित करने की भरसक कोशिश की है।
इस बजट में वित्त मंत्री ने एमएसएमई का दायरा और बढ़ाकर देश के बेरोजगारों को रोजगार सृजन करने के लिये एक रास्ता दिया है तो वहीं घरेलू स्तर पर आईटी के सेक्टर को मजबूती प्रदान कर रोजगार के अवसर पैदा करने की कोशिश की है। बजट में किसानों को जहां राहत और रियायत दी गई है तो वहीं महिलाओं के किचन से लेकर राशन तक का भी ख्याल रखा गया है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी वित्त मंत्री ने मध्यम वर्गीय और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का खास ख्याल रखा है। वित्त मंत्री ने भारत को दुनिया का दूसरा सबसे बडा मोबाईल बनाने वाला देश बताया, जबकि 2022-23 में जीडीपी 7 % के साथ अर्थव्यवस्था के लिहाज से दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश रहा।

*वित्त मंत्री की बड़ी बातें…*

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट की सात प्राथमिकताएं हैं, जिसमें समावेशी वृद्धि,हरित विकास, युवा शक्ति, वित्तीय क्षेत्र, अंतिम छोर तक पहुंच,बुनियादी ढांचे का विकास और क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल शामिल है.उन्होंने कहा कि औषधि क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिये नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।

एससी, एसटी के साथ महिला और दिव्यांगों के विकास को लेकर कई योजनायें।MSME सेक्टर को विशेष पैकेज।युवाओं को रोजगार के लिये कौशल विकास योजना में राशि आवंटित।
पीपीपी मॉडल पर देश का विकास के साथ रोजगार पर विशेष ध्यान,PMGKY के लिए 2 लाख करोङ का आवंटन।
किसान की चुनौतियों का समाधान, दी जायेगी डिजिटल ट्रेनिंग और स्टार्ट अप लिये कृषि निधि बनाई जायेगी,मोटे अनाज पर जोर, 20 लाख करोङ की कृषि ऋण का फंड।

बागवानी योजना के लिए 2200 करोङ का आवंटन, ग्रीन ग्रोथ सरकार की बड़ी प्राथमिकता। पीएम मत्स्य पालन में 6 हजार करोङ।

जम्मू कश्मीर और लद्दाख पर खास ध्यान,पर्यटन योजनाओं को बढ़ावा, रिन्यूएबल एनर्जी के लिये 20700 करोङ रुपये दिये जायेंगे।
80 करोङ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न योजना एक साल और बढ़ाई गई, मुफ्त अनाज पर 2 लाख करोङ का बजट।
पीएम आवास योजना के लिये खर्च की राशि 66 प्रतिशत बढ़ाई गई, खर्च बढ़कर 79 हजार करोङ पहुंचा।

कैपिटल निवेश जीडीपी का 3.3 प्रतिशत होगा मौजूदा साल 7 प्रतिशत विकास की दर रहेगी। पूंजीगत खर्चों के लिये 10 लाख करोङ का लक्ष्य।

50 अतिरिक्त एयरपोर्ट, हेलिपोर्ट,एयरोड्रम और वॉटरवे बनाये जायेंगे। पहचान पत्र के तौर पर पैन कार्ड को मिली मान्यता। राज्यों को पुराने वाहनों और एंबुलेंस को बदलने के लिये राशि आवंटित।महिलाओं के लिये बचत योजना की शुरुआत, 2 साल के लिए 2 लाख का निवेश, 7.5 प्रतिशत ब्याज दिये जायेंगे। महिला सम्मान योजना 2025 तक चलेगी।

रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है। रेलवे की नई योजनाओं के लिए 75000 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया जाएगा। रेलवे में 100 नई अहम योजनाओं की शुरुआत की जाएगी।

सीमा शुल्क 13 फीसदी किया गया।खिलौने , साइकिल आँटोमोबाईल सस्ते होंगे। इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होंगे। मोबाईल फोन और कैमरे सस्ते होंगे। एलईडी टीवी सस्ती होगी तो सिगरेट महंगा होगा।सोना, चांदी और हीरा महंगा होगा।
कारीगरों और शिल्पकारों को मदद के लिए पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान पैकेज शुरू किया जाएगा। इससे उत्पादों की गुणवत्ता में इजाफा होगा और लघु उद्योगों में रोजगारों में इजाफा होगा।

राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा राज्यों के स्तर पर भी अलग से लाइब्रेरी स्थापित करने पर जोर रहेगा।

बागवानी परियोजनाओं के लिए 2200 करोड़ की रकम जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम पर्यावरण की रक्षा के साथ ही विकास करेंगे। उन्होंने इसे ग्रीन ग्रोथ का नाम दिया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि हमने कोरोना काल में यह तय किया कि कोई भी भूखा न सोए। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकाल में 47.8 करोड़ जनधन खाते खोले गए हैं। इसके अलावा 14 करोड़ से ज्यादा किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत मदद दी गई है। कोरोना काल में 80 करोड़ से ज्यादा गरीब लोगों को 28 महीने से मुफ्त राशन दिया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रति व्यक्ति आय तेजी से बढ़ते हुए 1.97 लाख रुपये हो गई है।भारत की इकॉनमी का आकार बढ़ा है। भारत दुनिया की 10वीं अर्थव्यवस्था के पायदान से आगे बढ़ते हुए 5वें नंबर पर आ गया है।

आयात शुल्क घटाया जाएगा, ई न्यायालय के लिए 75000 करोड़, पीएम कौशल विकास योजना 4.0 शुरू की जाएगी,47 लाख युवाओं को ट्रेनिंग मिलेगा,सरकार 2,200 करोड़ रुपये से,आत्मनिर्भर स्वच्छ योजना कार्यक्रम शुरू करेगी,पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान’ योजना शुरू करने की घोषणा।

देश में कुल 9 करोङ लोग सरकारी नौकरी में हैं और 140 करोङ लोगों में से मात्र 8 करोङ 22 लाख लोग सरकार को आयकर के माध्यम से टैक्स देते हैं।

निर्मला सीतारमण ने टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव कर नौकरी-पेशा में लोगों को बड़ी राहत दी है। सात लाख तक कोई कर अव नहीं देना होगा। आयकर छूट सीमा पांच लाख से बढ़ाकर सात लाख की गई। 3 लाख तक कोई टैक्स नहीं, 3 से 6 लाख तक 5 प्रतिशत टैक्स, 6 से 9 लाख तक 10 प्रतिशत , 9 से 12 लाख तक 15 प्रतिशत टैक्स किया गया।
लेकिन इस बजट के बीच मोदी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है देश में सुस्त होती अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, क्योंकि 2024 मोदी सरकार के लिये महत्वपूर्ण है। विपक्ष निर्मला सीतारमण के इस बजट को चुनावी बजट कह रही है।

*जानिये अपने बजट के विषय में*

वर्ष 1860 में देश का सबसे पहला बजट शाम पांच बजे पेश हुआ था,जो 1998 तक चला। 1999 में वाजपेयी की सरकार ने इसे पहली बार 1 मार्च से शुरू किया लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसे 2015 से 1 फरवरी को 11 बजे से कर दिया।

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