जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना
Edited by: राकेश कुमार
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8 दिसम्बर 2022

पटना: सब जूनियर पावरलिफ्टिंग कामनवेल्थ चैंपियनशिप में छह स्वर्ण पदक विजेता और पटना के खुसरूपुर प्रखंड के बड़ा हसनपुर गांव की निवासी कृति राज सिंह को अंग वस्त्र, प्रोत्साहन पत्र और संस्था की ओर से ₹ 2100/- की राशि देकर मानव अधिकार रक्षक (ट्रस्ट) के सदस्यों ने बुधवार को सम्मानित किया। उक्त जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने दी।

उन्होंने बताया कि कृति राज सिंह ने प्रसन्नता के साथ संस्था के पूरे टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि आप लोग पहली संस्थान है जिन्होंने मुझे आदर सत्कार के साथ उपहार ही नही बल्कि राशि भी भेंट किया है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा खुशी की बात है कि आपकी टीम ने मेरे कोच करण सर को भी प्रोत्साहन पत्र देकर मुझे ऋणी बना दिया।

मानव अधिकार रक्षक के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने यह भी बताया कि कृति राज सिंह वही हैं जिन्होंने न्यूजीलैंड में हुए सब जूनियर पावरलिफ्टिंग कामनवेल्थ चैंपियनशिप में छह स्वर्ण पदक जीत कर पूरी दुनिया में बिहार का नाम रोशन किया है। कृति राज सिंह ने 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी में छह स्वर्ण पदक जीते हैं। इस जीत का श्रेय कृति राज सिंह अपने पूरे परिवार और अपने कोच करण कुमार को देती है।

उन्होंने बताया कि पिता ललन सिंह का कहना है कि बेटी को आकलैंड भेजने के लिए मुझे अपना खेत भी गिरवी रखना पड़ा था। यह बात सुनकर मानव अधिकार रक्षक की संस्थापिका रीता सिन्हा ने निर्णय लिया था कि समाज को संदेश देने के लिए पहल करेंगे और इस बच्ची को छोटी सी धनराशि देंगे ताकि ऐसी युवा पीढ़ी के लिए लोग आगे आए और स्वेच्छानुसार सहयोग करें। ऐसा करने से युवा आर्थिक कमी के कारण निराश होकर अपने लक्ष्य से ना भटके।

उन्होंने बताया कि उक्त अवसर पर संस्थान की संस्थापिका रीता सिन्हा, राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रितु कुमारी, कंकड़बाग टीम लीडर किरण, एक्टिव मेंबर सूरज कुमार, आर्यन चंद्रा, सरिता एवं रमा गुप्ता उपस्थित थी।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि कृति राज सिंह की मां सुनैना देवी कहती हैं कि शुरू में जब बेटी खेलने के लिए जाती थी तो गांव और पड़ोस के लोग ताना मारते थे, लेकिन उनके ताने को अनदेखा कर बेटी को खेलने दिया। पांच बहनों में कृति राज सिंह सबसे छोटी बेटी है। बचपन से ही कृति पढ़ाई के साथ खेलने में काफी मेहनत करती थी। इसी का परिणाम है कि बेटी ने यह सफलता हासिल की।

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