राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 4175 और कर्मचारियों के चार हजार पद खाली

जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
22 मार्च 2023

भागलपुर : बिहार राज्य के विश्वविद्यालयाें में अभी शिक्षकाें के 4175 और कर्मचारियाें के चार हजार पद खाली हैं। बिहार राज्य विवि सेवा आयाेग से शिक्षकाें की बहाली की चल रही प्रक्रिया 2020 में ही शुरू हुई थी। 4636 पदाें के लिए आवेदन मांगा गया था और हाईकाेर्ट से आरक्षण राेस्टर काे लेकर विज्ञापन रद्द करने का आदेश जारी हाेने से पहले तक 462 पदाें पर ही या ताे बहाली हुई है या चयन हुआ है।
शिक्षा विभाग ने इनमें जिनकी नियुक्ति अब तक नहीं हुई है, उनकी नियुक्ति करने का निर्देश विश्वविद्यालयाें काे दाे दिन पहले जारी किया है। कर्मचारियाें की बात करें ताे इनकी संख्या भी सृजित पदाें से लगभग चार हजार कम है। टीएमबीयू में कर्मचारियाें की नियुक्ति अंतिम बार 2003 में और बाकी विवि में 1992 में ही हुई थी। नियमित शिक्षकाें की नियुक्ति 1986 के बाद से अब तक सिर्फ चार बार हुई है। जबकि नियुक्ति हर साल हाेनी चाहिए क्याेंकि रिटायरमेंट के कारण रिक्तियां हर साल हाेती हैं।
*टीएमबीयू में शिक्षकाें के 189 पद विभाग ने समाप्त कर दिए थे*: इंटर की पढ़ाई डिग्री काॅलेजाें से अलग करने के नाम पर शिक्षा विभाग ने 2011-12 में टीएमबीयू के शिक्षकाें के 189 पद समाप्त कर दिए थे। प्राे. मंडल ने कहा कि अब स्नातक में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू हाेना है जिसमें इंटर्नल मूल्यांकन भी करना हाेगा। इसके लिए न केवल रिक्त पदाें पर जल्द बहाली की जरूरत है बल्कि जाे पद समाप्त किए गए वे वापस कर उन पर भी नियुक्ति करनी हाेगी।

*शिक्षकाें की बहाली 36 साल में सिर्फ चार बार*: असिस्टेंट प्राेफेसर की नियुक्ति राज्यभर के विवि में बीते 36 वर्षाें में सिर्फ चार बार हुई है। भुस्टा के अध्यक्ष प्राे. जगधर मंडल ने कहा कि 1986 तक चतुर्थ चरण के काॅलेजाें में बहाली हुई थी। इसके बाद 1996 और 2003 में विवि सेवा आयाेग तथा 2014 में बीपीएससी से बहाली हुई थी। अभी चल रही प्रक्रिया इस कड़ी की चाैथी बहाली है। विवि सेवा आयाेग पूर्व में भंग हुआ था ताे राज्य सरकार ने 2005-06 में विवि के स्तर से ही बहाली करने की व्यवस्था बनाई थी, लेकिन इसमें शिकायतें मिलने के बाद यह व्यवस्था बंद कर दी गई। यह सिस्टम पारदर्शी ढंग से चले ताे विवि रिक्ति हाेते ही बहाली कर लेंगे और शिक्षकाें की कमी नहीं हाेगी।

*सरकार ने विवि. को बहाली करने से रोका था*: टीएमबीयू में 2003 और बाकी विवि में 1992 के बाद कर्मचारियाें की बहाली नहीं हुई है। बिहार राज्य विवि एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के प्रक्षेत्रीय मंत्री सुशील मंडल ने बताया कि मुंगेर विवि अलग हाेने के बाद टीएमबीयू में कर्मचारियाें के लगभग 900 पद बचे। इनमें करीब 500 अभी खाली हैं। राज्य सरकार ने पिछले साल ही विवि काे अपने स्तर से बहाली करने से राेक दिया था। लेकिन उसने अपने स्तर से भी अब तक प्रक्रिया भी नहीं की है।
*दाे साल में 12 विवि में शिक्षकाें के मात्र 462 पदाें पर बहाली*: विवि सेवा आयाेग ने 2020 में जिन 4636 पदाें पर बहाली शुरू की थी, उनमें दिसंबर 2022 तक कुल 461 शिक्षकाें का चयन हुआ था। इनमें से कई की नियुक्ति हाे गई है। अरबी विषय में पटना विवि में 1, अंगिका में टीएमबीयू में 3, सांख्यिकी में पटना विवि व टीएमबीयू मिलाकर 14 शिक्षक चयनित हुए। लाेक प्रशासन में पटना, पाटलिपुत्र,वीकेएसयू मिलाकर 12 शिक्षक चयनित हुए। एंथ्राेपाेलाॅजी में टीएमबीयू व बीएनएमयू में 5,फारसी में टीएमबीयू बीआरएबीयू, पूर्णिया विवि व बीएनएमयू मिलाकर 13, भूगर्भशास्त्र में पटना विवि में 5, धर्मशास्त्र में केएसडीएसयू में 9, गांधी विचार टीएमबीयू में 3, पत्रकारिता में एमएमएचए में 2 शिक्षक चयनित हुए।
भाेजपुरी में बीआरएबीयू में 1, कर्मकांड में केएसडीएसयू में 3, पुराण में केएसडीएसयू में 2, रशियन में बीआरएबीयू में 3, प्राकृत में वीकेएसयू व पीपीयू मिलाकर 6 शिक्षक चयनित हुए। आईआरपीएम में टीएमबीयू, बीएनएमयू मुंगेर, मगध, पीपीयू मिलाकर 18, ज्याेतिष में केएसडीएसयू में 6, अंबेडकर विचार टीएमबीयू में 4, इलेक्ट्रॉनिक्स में पीपीयू व बीआरएबीयू मिलाकर 9 शिक्षक चयनित हुए। व्याकरण में केएसडीएसयू में 15, दर्शन में केएसडीएसयू में 4, पाली में पीपीयू, एमयू व वीकेएसयू मिलाकर 16 शिक्षकाें का चयन हुआ। ग्रामीण अध्ययन में पीयू में 1, ग्रामीण अर्थशास्त्र में टीएमबीयू में 3, लाॅ में टीएमबीयू, बीआरएबीयू व पीयू मिलाकर 15 शिक्षकाें का चयन हुआ। जबकि हिंदी में 12 विवि में 289 शिक्षकाें का चयन हुआ।

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