घोषित किया गया भगोड़ा

जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
22 मार्च 2023

भागलपुर : बिहार का चर्चित सृजन घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने तीन आरोपितों को भगोड़ा घोषित कर दिया है। इनमें पूर्व आईएएस केपी रमैया,अमित कुमार और रजनी प्रिया का नाम शामिल है। इन्हें अब तक सीबीआई गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इसे लेकर सीबीआई पर कौओं को फंसाकर बाज को बचाने के प्रयास का आरोप लगता रहा है!
गौरतलब है कि करोड़ों रुपये के घोटाले के इस मामले में कुल 27 लोग आरोपित हैं। 13 न्यायिक हिरासत के तहत पटना के बेऊर जेल में बंद हैं, जबकि तीन अभी भी फरार हैं।सात आरोपित जमानत पर हैं। वहीं चार अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर पटना हाई कोर्ट से रोक लगा हुआ है।

विदित हो कि सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 फरवरी को भागलपुर के पूर्व जिलाधिकारी केपी रमैया और घोटाले की किंगपिंग रही मनोरमा देवी के बेटे अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया की गिरफ्तारी के लिए स्थायी वारंट जारी करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने इन तीनों के मुकदमे के अभिलेख को अलग करने का भी निर्देश दिया हुआ था। इसके साथ ही इन तीन आरोपितों केपी रमैया, अमित कुमार और रजनी प्रिया के खिलाफ कुर्की वारंट भी जारी किया गया था। जिसपर सीबीआई ने फरार अमित कुमार व उसकी पत्नी रजनी प्रिया की 13 चल व अचल संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई भी कर रखी है।

इस मामले में पूर्व आईएएस केपी रमैया के खिलाफ जारी कुर्की वारंट का तामिला कर सीबीआई ने दो रिपोर्ट दाखिल कर रखी है। इसमें कहा गया है कि रमैया ने संपति पत्नी जया भारती और पुत्र केएस शिवकांत के नाम कर दी है। सीबीआई रमैया को गिरफ्तार करने के साथ ही कुर्की वारंट का तामिला करने में भी असफल रही है। वहीं सीबीआई के विशेष कोर्ट ने सीबीआई के एसपी और आईजी को आदेश की प्रति भेजकर सृजन घोटाले के इस मामले की जांच कर रहे अनुसंधानकर्ता के आरोपित केपी रमैया के खिलाफ जारी कुर्की वारंट का तामिला नहीं किए जाने के आचरण को देखने को कहा है।

*फील्ड सुपरवाइजर को सीबीआई ने किया था गिरफ्तार*

16 मार्च को बड़ी कार्रवाई की गई थी। इस घोटाले में शामिल फील्ड सुपरवाइजर उमेश कुमार सिंह को सीबीआई की दो सदस्यीय टीम ने उसे उसके घर भागलपुर स्थित सबौर के शांति नगर से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार उमेश पर आरोप है कि सृजन घोटाले के दौरान चेक को इधर से उधर करने में इसकी बड़ी भूमिका जांच के दौरान सामने आई थी। उमेश की गिरफ्तारी के बाद भागलपुर सदर अस्पताल में उनकी मेडिकल कराने के बाद सीबीआई की टीम उसे लेकर पटना चली गई।

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