जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना/भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
25 फरवरी 2023

भागलपुर : 25 फरवरी यानी कि आज बिहार के सियासत का सुपर सैटरडे है। एक और जहां भारत सरकार के गृहमंत्री एव सहकारिता मंत्री अमित शाह आगामी लोकसभा चुनाव का शंखनाद करेंगे। वहीं पूर्णिया में महागठबंधन के नेता लोकसभा चुनाव को लेकर हुंकार भरेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री पटना के ज्ञान भवन में संयुक्त राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होंगे। उसके अलावा पश्चिम चम्पारण के लौरिया साहू जैन स्कूल के खेल के मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। लौरिया चीनी मिल के किसान भवन में वाल्मीकिनगर संसदीय क्षेत्र के कोर कमिटी के 150 सदस्यों के बातचीत करेंगे। वहीं पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में महागठबंधन में शामिल सात राजनीतिक दल के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी हुंकार भरेंगे।

*अमित शाह के दौरे के मायने*

दरअसल,श्री शाह पूर्णिया में पिछले साल 23 सितम्बर को भी रैली में पहुंचे थे। उस रैली में काफी भीड़ थी और बीजेपी ने अपनी ताकत का एहसास कराया। उसके बाद महागठबंधन ने पूर्णिया में रैली करने की ठानी। महागठबंधन सीमांचल में अपना जनाधार बचाने की कवायद में लगा हुआ है। कोसी और सीमांचल की सीटों को बचाने की कोशिश जारी है। महागठबंधन की रैली अमित शाह को जवाब देने वाली रैली बताई जा रही है। महागठबंधन के नेताओं ने रैली सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। सभी लोगों से रैली में पहुंचने की अपील की जा रही है। कार्यकर्ताओं को भीड़ जुटाने में लगाने को कह दिया गया है। महागठबंधन को लगता है कि ये रैली पूरी तरह बीजेपी को एक बड़ा जवाब होगा।

*सीमांचल में मुस्लिम ज्यादा*

पूर्णिया,कटिहार,किशनगंज,अररिया,मधेपुरा,सुपौल लोकसभा में से केवल अररिया लोकसभा क्षेत्र ही भाजपा के कब्जे में है। बाकी सीटों को बचाकर रखना महागठबंधन के नेताओं के लिए बड़ी चुनौती है। कटिहार में जहां जदयू के दुलालचंद्र गोस्वामी सांसद हैं, तो पूर्णिया का सीट भी जदयू के खाते में है। पूर्णिया में संतोष कुमार कुशवाहा दो बार से लगातार सांसद चुने जा रहे हैं। जबकि किशनगंज का सीट 2009 से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हाजी मो. असरारुल हक के दो बार जितने के बाद उनके निधन पर 2019 में फिर कांग्रेस के खाते में ही गई। मो.जावेद किशनगंज से सांसद चुने गए। अररिया की बात करें तो 2014 में मोदी लहर में राजद के मो. तस्लीमुद्दीन ने भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह को 1.46 लाख मतों के अंतर से हराया। 2017 में उसकी मौत के बाद मार्च 2018 में हुए उपचुनाव में उसके पुत्र राजद के सरफराज आलम ने भाजपा को हराया। पुनः 2019 में पिता-पुत्र से हारने के बाद भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह ने अररिया से जीत दर्ज की। सुपौल में जदयू के दिलेश्वर कामत ने कांग्रेस के प्रत्याशी रणजीत रंजन को चुनाव में पराजित किया। मधेपुरा लोकसभा से भी जदयू के दिनेश चंद्र यादव ने पप्पू यादव को हराया।

*2020 का परिणाम देखना जरूरी है*

अब 2020 के विधानसभा चुनाव की बात कर लेते हैं। कोसी और सीमांचल का इलाका, जो राजद का गढ़ माना जाता था। उसमें ऑल इंडिया मजलिस -ए -इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने मुस्लिम मतदाताओं को गोल बंद कर राजद को प्रभावित किया था। सीमांचल में एआईएमआईएम ने पांच सीटों पर कब्जा कर बिहार को चौंका दिया था। हालांकि,बाद में एआईएमआईएम अपने विधायकों को समेट कर नहीं रख पाए और 5 में से 4 विधायकों ने पाला बदलते हुए राजद ज्वाइन कर लिया। कोसी और सीमांचल के 36 विधानसभा सीट में से राजद को केवल तीन सीट ही नसीब हो पाई थी। जबकि जदयू ने 12, भाजपा ने 10, कांग्रेस ने 5 और सीपीआई (एमएल) ने एक सीट पर कब्जा जमाया था।

*क्या है सीमांचल का रूख*

कोसी और सीमांचल का इलाका मुस्लिम और यादव बाहुल्य इलाका माना जाता है। बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी किशनगंज,अररिया,पूर्णिया और कटिहार के साथ सुपौल,सहरसा और मधेपुरा जिला में है। इन जाति के वोटरों पर राजद और जदयू का बढ़त देखा गया है। ऐसे में मुस्लिम सहित यादव और दलित महादलित के साथ सवर्ण मतदाताओं पर भी महागठबंधन की पैनी नजर टिकी है। गृह मंत्री के दौरे को लेकर जहां भाजपा चम्पारण में अपनी पूरी शक्ति झोंके हुए है। महागठबंधन सीमांचल में सुपर सैटरडे मनाने जा रही है। इस सियासतबाजों के सियासी चाल का मतदाता पर कितना असर डाल पाता है।य ह तो आने वाले समय में पता चल पायेगा। कुल मिलाकर सीमांचल को बीजेपी साधने में जुटी है। बीजेपी को पता है कि इस इलाके में सबसे ज्यादा महागठबंधन के कोर वोटर हैं। केंद्र सरकार की योजनाओं को सीमांचल के लोगों को बताया जा रहा है। पिछली रैली में हद तक अमित शाह सफल रहे हैं। दोबारा उनका आना ये बताता है कि अमित शाह को सीमांचल की सीटों ने प्रभावित किया है। बीजेपी का मानना है कि थोड़ा जोर लगाने के बाद ये इलाका उनके कब्जे में होगा।

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