पितृपक्ष आज से शुरू, आत्मा की शांति के लिए आज से होगा तर्पण
संपादन: राकेश कुमार
जनपथ न्यूज
सितंबर 20, 2021
आज से पितृपक्ष की शुरुआत हो रही है जो 06 अक्टूबर तक रहेंगे। कुंडली के पितृ दोष दूर करने के लिए पितृपक्ष का समय सबसे अच्छा माना जाता है। पूर्वजों को याद कर उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है। देश की प्रमुख जगहों जैसे हरिद्वार, गया आदि जाकर पिंडदान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। इन दिनों पितरों को खुश करने के लिए और उनका आर्शीवाद पाने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं।
इस दौरान धार्मिक व मांगलिक कार्य नहीं होंगे। लोग अपने पूर्वजों की याद व आत्मा की शांति के लिए श्राद्व, दान व तर्पण करेंगे। शहर में घरों में भोजन कराने के अलावा वृद्धाश्रम में भी लोगों ने भोजन कराने के लिए बुकिंग कराई है। रोटरी क्लब के सहयोग से जिला अस्पताल में विशेष भोजन वितरण होगा। पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पितृपक्ष में पूजन को विशेष माना गया है। जिस तिथि को जिस व्यक्ति की मृत्यु होती है उसी तिथि को तर्पण या श्राद्ध करने की परंपरा है। इससे पितृदोष भी शांत होता है। वहीं पूर्वजों की कृपा हमेशा बनी रहती है। इस दौरान भोजन के साथ ही जरूरतमंद लोगों की मदद भी करनी चाहिए।
जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है उन लोगों को संतान सुख आसानी से नहीं मिलता है। या फिर संतान बुरी संगत में पड़ जाता है। इन लोगों को नौकरी या व्यापार में हमेशा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। काम में बार-बार बाधा आती है। घर में ज्यादा क्लेश-झगड़े होते हैं। घर में सुख-समृद्धि नहीं आती है। गरीबी और कर्ज बना रहता है। अक्सर बीमार रहते हैं और बेटी या बेटे की शादी में रुकावट आती है।
पितरों को प्रसन्न करके पितृ दोष को आसानी से दूर किया जा सकता है। श्राद्ध के पहले दिन भाद्रपद पूर्णिमा का का व्रत करें। घर या व्यापार स्थल पर स्वर्गीय पितरों की अच्छी तस्वीरें लगाएं। ये तस्वीर दक्षिण-पश्चिम दीवार या कोने पर लगाएं। दिन शुरू करने के बाद सबसे पहले उनको प्रणाम करें। हर दिन उन्हें माला चढ़ाएं और धूपबत्ती दिखाकर उनका आशीर्वाद लें। उनके नाम पर जरूरतमंदों को खाना बांटें। पितरों के नाम से धार्मिक स्थल पर धन या सामग्री दान करें। घर या बाहर के बड़े बुजुर्गों की सेवा कर उनका आशीर्वाद लें। अमावस्या पर तर्पण, पिंड दान कर ब्राह्मणों को भोजन कराएं। गाय, कुत्ते, चीटियों, कौवों या अन्य पशु पक्षियों को खाना खिलाएं।