जनपथ न्यूज़ डेस्क, पटना
Reported by: गौतम सुमन गर्जना, भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
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9 अक्टूबर 2022
भागलपुर/पटना: आजकल बिहार में मुख्यमंत्री कई मोर्चों पर अस्तित्व की लड़ाई में उलझ गए हैं। एक तरफ राजद वर्सेस जदयू तो दूसरी तरफ प्रशांत किशोर वर्सेस नीतीश। इसके अलावा नीतीश कुमार का मिशन-2024 वाला पीएम मोदी की भाजपा से टशन, लेकिन नीतीश की जो सबसे दिलचस्प लड़ाई इस समय उभरकर सामने आई है, वह है उनकी पीके से पोल-खोल वाली।
नीतीश और पीके खोल रहे एक दूसरे की पोल : दरअसल प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार दोनों दनादन अपने बीच की वर्षों पुरानी अंडरस्टैंडिंग की पोल खोल रहे हैं। जहां पीके ने नीतीश पर खुलासा किया कि उन्होंने हाल ही में उन्हें जदयू ज्वाइन कर उनका उत्तराधिकारी बनने का ऑफर दिया था। प्रशांत किशोर के इस खुलासे से नीतीश इस कदर तिलमिलाए कि उन्होंने भी यह जवाबी खुलासा किया कि पीके ने उन्हें अपनी पार्टी जदयू के कांग्रेस में मर्जर की सलाह दी थी।
नीतीश ने पीके को भाजपा का एजेंट बताया : पटना में आज शनिवार को जेपी की पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद नीतीश ने प्रशांत किशोर की जन सुराज यात्रा पर तीखा कटाक्ष किया। सीएम नीतीश ने कहा कि पीके सिर्फ और सिर्फ भाजपा के एजेंडे पर चल रहे हैं। वे जब जदयू में थे, उस समय उन्होंने जदयू का कांग्रेस में विलय करने का सुझाव उन्हें दिया था लेकिन, नीतीश ने इसे ठुकरा दिया था।
पीके ने नीतीश से हुई बात का किया खुलासा : नीतीश ने कहा कि पीके इस समय जो यात्रा कर रहे हैं, वह भाजपा का एजेंडा है। भाजपा की रणनीति के तहत ही पीके लगातार जदयू और राजद पर कुछ से कुछ बोलते रहते हैं। वे जदयू और राजद का विरोध क्यों कर रहे हैं। इसलिए कि वे भाजपा से मिले हुए हैं। पीके को जदयू में पद के ऑफर पर नीतीश ने कहा कि ये बातें पूरी तरह बेबुनियाद हैं। हमने कभी भी पीके को कोई ऑफर नहीं दिया। वे खुद कुछ दिनों पहले हमसे मिलने आए थे, न कि हम लोगों ने उन्हें बुलाया था।