अब विधायक और सांसद नहीं बन सकेंगे शहरी सहकारी बैंकों के MD, RBI ने लगाई रोक
राकेश कुमार/जून 28, 2021
रिजर्व बैंक ने बड़ा फैसला लेते हुए सहकारी बैंकों में शीर्ष पदों के लिए कुछ पैमाने घोषित किए हैं। इन पैमानों के मुताबिक जो सबसे अहम है, वो ये है कि अब से सांसद, विधायक और नगर निगम के प्रतिनिधि, शहरी सहकारी बैंकों के एमडी या पूर्णकालिक निदेशक नहीं बन सकेंगे। साथ ही आरबीआई ने कारोबारियों और किसी कंपनी में अच्छा-खासा दखल रखने वाले लोगों को भी इन पदों पर काबिज होने से रोक दिया है।
रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को ऐलान किया कि सहकारी बैंकों में सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक बनने के लिए न्यूनतम योग्यता और उम्र सीमा होगी। नियमों के मुताबिक सीईओ की न्यूनतम उम्र 35 साल से कम और 70 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। साथ ही कोई भी व्यक्ति बैंक के एमडी और पूर्णकालिक निदेशक के पद पर 15 साल से अधिक समय तक नहीं रह सकेगा।
आरबीआई का यह फैसला ऐसे समय आया है, जब देश के कई शहरी सहकारी बैंक डूबने के कागार पर हैं। जिनमें सबसे प्रमुख मामला पंजाब एंड महाराष्ट्र कॉ-ऑपरेटिव बैंक का है, जिसके सीईओ ने कुछ साथियों के साथ मिलकर फंड को रियल एस्टेट डेवलेपर्स को डाइवर्ट कर दिया, जिसका खामियाजा बैंक को उठाना पड़ा।
अब बैंकों में एमडी और पूर्णकालिक निदेशक बनने के लिए व्यक्ति का स्नातक होना अनिवार्य कर दिया गया है या फिर उनके पास वित्तीय योग्यता जैसे सीए, कॉस्ट अकाउंटेंट, एमबीए या बैंकिंग या कॉ-ऑपरेटिव बिजनेस मैनेजमेंट में डिप्लोमा या डिग्री होना जरूरी है। साथ ही सहकारी बैंकों में शीर्ष पद, उन्हीं लोगों को दिए जाएंगे, जिनके पास बैंकिंग सेक्टर में मध्यम या वरिष्ठ स्तर पर प्रबंधन का कम से कम 8 साल का अनुभव हो।