जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
29 जनवरी 2023

भागलपुर : बिहार के भागलपुर जिले के सबसे बड़े अस्पताल जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसीयू में शुक्रवार की देर शाम केंद्रीय वन पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे के छोटे भाई निर्मल चौबे की मौत हर्ट अटैक से हो गयी. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तीन घंटे तक आइसीयू में हंगामा किया.

*आईसीयू से गायब दो डॉक्टर निलंबित*: जानकारी मिलने पर डीएसपी अजय कुमार चौधरी, बरारी थाना प्रभारी संजय सत्यार्थी अपने दल बल के साथ मौके स्थल पर पहुंचे और परिजनों एवं भाजयुमो कार्यकर्ताओं को उन्होंने समझा-बुझाकर शांत किया. अस्पताल अधीक्षक डॉ० असीम कुमार दास ने परिजनों के आक्रोश को देखते हुए आइसीयू से गायब दो जूनियर चिकित्सक डॉ० विनय कुमार एवं डॉ० आदित्य वैद्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.

*सीने में दर्द और सांस लेने में थी परेशानी*: आदमपुर के मानिक सरकार निवासी 60 वर्षीय भारतीय वायु सेना से रिटायर्ड निर्मल चौबे को गंभीर हालत में लेकर परिजन अस्पताल पहुंचे थे. उनके बेटे नीतेश चौबे ने बताया पिता को शाम करीब चार बजे घर में ही सीने में दर्द एवं सांस लेने में तकलीफ होने लगी. शाम करीब साढ़े चार बजे उन्हें इलाज के लिए इमरजेंसी लेकर आये. यहां डॉ० एम एन झा की यूनिट में भर्ती किया गया. यहां पर कोई डॉक्टर नहीं थे. हालत को गंभीर को देखते हुए आइसीयू में शिफ्ट किया गया. नीतेश ने बताया पिता को भर्ती किया गया तो वहां पर कोई डॉक्टर नहीं था. उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी. अंत में बिना इलाज पिता की मौत हो गयी.

*आईसीयू में ढूंढते रहे डॉक्टर,मरीज ने तोड़ा दम*: घटना के बाद भाजयुमो नेता चंदन ठाकुर अपने समर्थकों के साथ आइसीयू स्थिति चिकित्सक चेंबर में हंगामा करने लगे. सूचना पर अस्पताल अधीक्षक डॉ० ए के दास पहुंचे. इनको देख भाजयुमो कार्यकर्ता एवं परिजन और आक्रोशित हो गये. चंदन ठाकुर ने आरोप लगाते कहा एक घंटे से ज्यादा वक्त तक हमलोग आइसीयू में चिकित्सक को खोजते रहे. दबाव बनाया तो कहा गया आइसीयू में डॉक्टर ऑन कॉल आते हैं. यहां दो चिकित्सक की तैनाती है. दोनों गायब हैं. नर्स कर्मी से बीपी मापने की मशीन मांगती है तो उनका कहा जाता है यह क्या होता है. आइसीयू में तड़प-तड़प कर मरीज की मौत हो गयी.

*लिखित में मानी लापरवाही*: परिजनों ने मांग करते हुए कहा कि हमें यह लिखित में अस्पताल अधीक्षक दे कि डॉक्टर की लापरवाही से निर्मल चौबे की मौत हो गयी. आइसीयू प्रभारी डॉ० महेश कुमार ने लिखित में लापरवाही मानी. इस बात पर अस्पताल का मुहर लगाने की मांग परिजन करने लगे. मुहर खोजने का बहाना बना यहां से डॉ० महेश निकल गये. परिजनों के बीच अधीक्षक डॉ० ए के दास अकेले रह गये. अंत में अधीक्षक ने दो चिकित्सकों को निलंबित कर इस पत्र को परिजनों को दे दिया. यहां से शव लेकर परिजन आइसीयू से निकल गये.

*इन चिकित्सकों पर लगा लापरवाही का आरोप*: निर्मल चौबे को डॉ० एमएम झा के यूनिट में भर्ती किया गया था. आइसीयू में शाम को पीजी दूसरे वर्ष के डॉ विनय कुमार एवं डॉ आदित्य वैद्य की ड्यूटी थी. दोनों आइसीयू से गायब थे. परिजनों के दबाव में अधीक्षक ने डॉ विनय एवं डॉ० आदित्य को निलंबित कर दिया.

इस बाबत अस्पताल अधीक्षक डॉ०असीम कुमार दास ने कहा कि मरीज को गंभीर हर्ट अटैक आया था. इमरजेंसी में इलाज कर इनको आइसीयू में शिफ्ट किया गया. हम भी लगातार कॉल पर मरीज का हाल डॉक्टर से ले रहे थे. परिजनों के आरोप के बाद मैंने आइसीयू इंचार्ज से बात की तो बताया गया जिस वक्त मरीज को भर्ती किया गया था, उस वक्त यहां डॉक्टर नहीं थे. जिसके बाद दोनों गायब डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया है.

वहीं, डीएसपी अजय कुमार चौधरी ने कहा कि शांति व्यवस्था कायम करा दी गई है. परिजनों को कहा गया है कि जो शिकायत है, वह लिखित में दें. हर आरोप की जांच होगी. लापरवाही करनेवालों पर एक्शन होगा.

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