जनपथ न्यूज डेस्क/पटना
Reported by: जितेन्द्र कुमार सिन्हा
Edited by: राकेश कुमार
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28 नवम्बर 2022

पटना: पटना के कंकड़बाग क्षेत्र में महिलाओं को “माहवारी” के दौरान कपड़ा का इस्तेमाल नहीं करने और उसके स्थान पर “सेनेटरी पैड” का इस्तेमाल करने के लिए जागरुकता अभियान के तहत “नुक्कड़ सभा” का आयोजन मानव अधिकार रक्षक संस्था द्वारा किया गया। इस आभियान में संस्थान की संस्थापिका रीता सिन्हा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रितु कुमारी, महिला प्रदेश अध्यक्ष डॉ नम्रता आनंद की उपस्थिति थी।

कंकड़बाग के स्लम बस्तियों में महिलाओं के साथ “माहवारी” के दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में बातचीत की गई और उनको हो रहे समस्याओं के लिए समाधान भी बताए गए। संस्थान की ओर से उनलोगों के बीच स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए “सेनेटरी पैड” और “साबुन” का वितरण किया गया।

संस्था की महिलाओं ने स्लम बस्तियों के महिलाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से उन्हें संबोधित भी किया। संबोधित करने वालों में कंकड़बाग टीम लीडर किरण, एक्टिव मेंबर रश्मि, सीमा, सरिता, स्वेता एवं रमा प्रमुख थी।

संस्थान के प्रदेश कमिटी अध्यक्ष चेतन थिरानी ने बताया कि मानव अधिकार रक्षक द्वारा लगातार ऐसे कार्य किए जा रहे है और संस्थान का सिर्फ एक ही उद्देश्य है इंसानियत को जीवित रखने की कोशिश।

संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि आने वाले समय में मानव अधिकार रक्षक कई कार्य करने की योजना बनाई है, जिसमें स्लम बस्तियों के महिलाओं को माहवारी के दौरान गंदा कपड़ा इस्तेमाल न करने को लेकर जागरूक करना, महिलाओं के बीच सेनेटरी पैड वितरित करना, सेनेटरी पैड इस्तेमाल करने की आदत बनाने में सहयोग करना शामिल है।

उन्होंने बताया कि ठंड के दौरान
जरूरतमंद लोगों को जो मजबूरन रात को फुटपाथ पर ठिठुर कर सोते है उनके बीच रात्रि में मानव अधिकार रक्षक की टीम द्वारा कंबल का वितरण करना। उसी प्रकार मानव अधिकार रक्षक की टीम प्रत्येक स्लम बस्तियों में जाकर निःशुल्क शिक्षा केन्द्र चलायेगा। इस कार्य के लिए आंगनवाड़ी केन्द्र से भी मदद ली जायेगी।

राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने बताया कि सभी शिक्षा केन्द्र पर छोटे, बड़े बच्चों और उनके अभिभावकों को भी पढ़ाया जायेगा और इसकी मुयायना भी संस्थान करते रहेगी। उन्होंने बताया कि पढ़ाई के महत्व को समझाकर उनलोगों शिक्षित करना और बच्चो को पढ़ने के लिए खुशी पूर्वक भेजने के लिए प्रेरित करना भी है। ताकि वे खुद भी अंगूठा लगाना छोड़कर हस्ताक्षर करना सीख सकें और बच्चों को शिक्षित कर सके।

उन्होंने बताया कि इन सभी क्षेत्रों में मानव अधिकार रक्षक की टीम काम करना शुरू कर दिया है।

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