जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 26 नवम्बर :: सूत्रों ने मिली जानकारी के अनुसार, वाराणसी में ‘फेस रिकग्निशन सिस्टम’ (Face Recognition System) वाले कैमरा लगाया जा रहा है, जो किसी भी अपराधी का पहचान कर पुलिस को बतायगा। यह ट्रैकर भारत का पहला होगा। फेस रिकग्निशन सिस्टम (Face Recognition System) का पहला ट्रैकर 27 नवंबर को लॉच होगा। फेस रिकग्निशन सिस्टम (Face Recognition System) लग जाने पर वाराणसी की सीमा में कोई भी अपराधी के प्रवेश करने पर, उसका बचना और छिपना नाकाम हो जाएगा और उसकी पहचान तुरंत हो जाएगी।

सूत्रों ने बताया कि इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन (Internet Freedom Foundation) ने सोमवार को घोषणा किया है कि यह प्रोजेक्ट लॉच के लिए पूरी तरह से तैयार है। प्रोजेक्ट चालु हो जाने पर अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने में पुलिस को बहुत सहूलियत होगी। कहा जा रहा है कि यह कैमरा इतना कारगार है कि अपराधियों की कई साल पुरानी फोटो का भी पहचान कर सकेगा। इतना ही नहीं, यदि अपराधी भेष बदलने में माहिर है तो भी इस हाईटेक कैमरों की नजरों से छिप नहीं सकेगा।

सूत्रों ने यह भी बताया कि भारतीय, यूरोपियन और अमेरिकन टेक्नॉलजी का प्रयोग करके इसे लगाया जा रहा है। इसे लगाने में 125 करोड़ की लगात आएगी, जिससे 500 किलोमीटर तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जायेगा और 700 अलग अलग जगहों पर 3000 कैमरा लगाए जायेंगा, जिसमे 22 कैमरा फेस रिकग्निशन सिस्टम के लिए होगा। जरुरत के हिसाब से संख्या बढ़ाया भी जा सकता है। कैमरा करीब 7.5 मीटर की दूरी से हीं अपराधियों की पहचान कर सकेगा।

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