जनपथ न्यूज डेस्क
Edited by: राकेश कुमार
21 फरवरी 2023

लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास ने बिहार सरकार से मांग की है कि वह बिजली बिल के नाम पर जनता से अवैध वसूली बंद करे। पार्टी का कहना है कि बिहार सरकार सही, सरल और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने में नाकाम है इसलिए ट्रांसमिशन क्षति के नाम पर बिजली के दाम बढा कर जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है।

लोजपा (रा) के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेश भट्ट ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पत्रकारों को बताया कि बिहार में विद्युत आपूर्ति दर के नाम पर सरकार उपभोक्ताओं से मनमानी वसूली कर रही है, जो कई नज़दीकी राज्यों की तुलना में अधिक है। श्री भट्ट ने कहा कि जब ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर इतना नया है तो फिर संचरण हानि इतना ज्यादा क्यों है? गौरतलब है कि अंतर्रराष्ट्रीय ट्रांसमिशन क्षति आमतौर पर 8% होता हैं, जबकि बिहार विद्युत विनियामक आयोग 15 प्रतिशत मानती है, वहीं बिजली कंपनियों ने 36% तक का क्षति का दावा किया है। अब इसी क्षति का हवाला देकर राज्य सरकार बिजली का दाम बढ़ाने का कुचक्र रच रही है, जो गैर-वाजिब है।

श्री भट्ट ने कहा कि जब से लोजपा (रा) ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू किया है, तब से सरकार तरह-तरह की दलीलें दे रही है। सरकार की दलील है कि वह महंगे दरों पर बिजली क्रय करती है इसलिए आपूर्ति दर अधिक है। लेकिन श्री भट्ट ने बताया कि सरकार की यह दलील जनता को गुमराह करने वाली है, क्योंकि बिजली बिल बढ़ाना हल नहीं है। इसके लिए खरीद प्रणाली में बदलाव की जरूरत है।

श्री भट्ट ने पूछा है कि मुख्यमंत्री जी बताएं कि सरकारी विभागों में कितना बकाया हैं? नुकसान जब सरकार और अधिकारियों ने कराया है, तो बढ़े हुए बिजली के दाम जनता क्यों चुकाए? बिजली दर के मामले में लोजपा (रा) की तरफ से सरकार के समक्ष रखी गई मांगों के बाबत श्री भट्ट ने कहा कि सरकार हर स्मार्ट प्रिपेड मीटर पर मीटर रीडिंग टेस्ट सर्टिफिकेट दे तथा जिन पुराने मिटर् पर अत्यधिक बिलिंग की शिकायत आ रही है उसे तत्काल बदले। पार्टी की तरफ से जनता की मांग को सरकार के सामने रखते हुए श्री भट्ट ने कहा कि सरकार बिजली के दामों में 30 प्रतिशत की कटौती करे और बी.पी.एल परिवारों को प्रति माह 150 यूनिट मुफ्त बिजली मुहैया कराए। इसके अलावें सरकार रोजगार के प्रोत्साहन के लिए अंडा देने वाले मुर्गी फार्म के तर्ज पर कोल्ड स्टोरेज, राईस मिल एवं अन्य एलाईड एग्रीक्लचर उद्योग को भी कृषि दर पर बिजली मुहैया कराए। के नाम पर बिजली के दाम बढा कर जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है।

लोजपा (रा) के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेश भट्ट ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पत्रकारों को बताया कि बिहार में विद्युत आपूर्ति दर के नाम पर सरकार आवाम से मनमानी वसूली कर रही है, जो कई नज़दीकी राज्यों की तुलना में अधिक है। श्री भट्ट ने कहा कि जब ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर इतना नया है तो फिर संचरण हानि इतना ज्यादा क्यों है?

श्री भट्ट ने कहा कि जब से लोजपा (रा) ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू किया है, तब से सरका तरह-तरह की दलीलें दे रही है। सरकार की दलील है कि वह महंगे दरों पर बिजली क्रय करती है इसलिए आपूर्ति दर अधिक है। लेकिन लोजपा (रा) की नज़र में सरकार की यह दलील जनता को गुमराह करने वाली है, क्योंकि बिजली बिल बढ़ाना हल नहीं है। इसके लिए खरीद प्रणाली में बदलाव की दरकार है।

श्री भट्ट ने पूछा है कि मुख्यमंत्री जी बताएं कि सरकारी विभागों में कितना बकाया हैं? नुकसान जब सरकार और अधिकारियों ने कराया है, तो बढ़े हुए बिजली के दाम जनता क्यों चुकाए?

बिजली दर के मामले में लोजपा (रा) की तरफ से सरकार के समक्ष रखी गई मांगों के बाबत श्री भट्ट ने कहा कि सरकार हर स्मार्ट प्रिपेड मीटर पर मीटर रीडिंग टेस्ट सर्टिफिकेट दे तथा जिन पुराने मिटर्स पर अत्यधिक बिलिंग की शिकायत आ रही है उसे तत्काल बदले। पार्टी की तरफ से जनता की मांग को सरकार के सामने रखते हुए श्री भट्ट ने कहा कि सरकार बिजली के दामों में 30 प्रतिशत की कटौती करे और बी.पी.एल परिवारों को प्रति माह 150 यूनिट मुफ्त बिजली मुहैया कराए। इसके अलावें सरकार रोजगार के प्रोत्साहन के लिए अंडा देने वाले मुर्गी फार्म के तर्ज पर कोल्ड स्टोरेज, राईस मिल एवं अन्य एलाईड एग्रीक्लचर उद्योग को भी कृषि दर पर बिजली मुहैया कराए।
इस आशय की जानकारी लोजपा (रा) के प्रदेश मीडिया प्रभारी कुंदन पासवान ने दी

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