जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 03 अक्टूबर :: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10 (क) के तहत बिहार के चुनाव लड़ने के लिये प्रतिवंधित नेताओं की सूची सम्बंधित विधान सभा क्षेत्र के सभी जिलों में भेज दी हैं।
उल्लेखनीय है कि जनवरी 2020 तक बिहार में 89 लोगों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया था इनमें से 62 लोगों को 3 साल की प्रतिबंधित अवधि सितंबर में समाप्त हो गई है। शेष लोगों में कुछ लोगों को सितंबर 2021 और कई को जनवरी 2022 तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों पर प्रतिबंध लगा हुआ है उनमें –
* अली नगर विधानसभा से अनंत कुमार।
*केवटी से विजय कुमार और अशोक झा।
* खगड़िया से बबीता देवी।
* शेश्वरस्थान से तुरंती सदा।
* बेनीपुर से ताराकांत झा।
* बेनीपुर से जितेंद्र पासवान।
* हायाघाट से मोहम्मद अरशद और रामसखा पासवान।
* पातेपुर से लखींद्र पासवान।
* परबत्ता से सतीश प्रसाद सिंह।
* गायघाट से रघुनाथ प्रसाद सिंह। * हथुआ से संजय मौर्य और फारुख खान।
* कुम्हरार से सुबोध कुमार।
* कुटुंबा से रंजीत कुमार।
* औरंगाबाद से संजीत चौरसिया।
* कुढ़नी से सरजीत सुमन, अशर्फी शनि, अभय कुमार ,पूजा कुमारी और कुमार विजय।
* भोरे से जानकी देवी, शर्मा देवी।
* बेलदौर से बिंदु देवी शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10 को के तहत यह अधिकार है कि कोई भी प्रत्याशी चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं दे तो उस पर प्रतिबंध लगा सकता है । चुनाव खर्च का ब्यौरा परिणाम आने के 30 दिनों के अंदर नहीं देता है या फिर बेवड़ा नहीं देने की कोई वाजिब कारण नहीं बताता है तो आयोग उसे निर्धारित अवधि के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा सकता है।
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