जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
8 सितंबर 2023

भागलपुर : देश की बहुत सी समस्याओं में से एक समस्या मच्छर के काटने के द्वारा फैलने वाली बीमारी है,जिसमें डेंगू का प्रकोप तकरीबन हर साल बरसात के मौसम में भागलपुर सहित देश भर के लोग झेलने को मजबूर और विवश हो जाते हैं। इस बीमारी की वजह से बड़ी संख्या में मौत हो जाती है जो बहुत दुखद है।
उक्त बातें खानकाह-ए-पीर दमड़िया शाह के 15वें सज्जादानशीं सैयद शाह फखरे आलम हसन ने भागलपुर में बढ़ते डेंगू मरीज पर चिंता प्रकट करते हुए कही। उन्होंने कहा कि बिडम्बना यह है कि जनता के मूल सवालों से खूद जनता ही दूर होती जा रही है। यूसीसी,भारत-इंडिया का नामांतरण जैसा विषय, जिससे आम जनता को सीधे किसी किस्म का लाभ मिलने वाला नहीं है। फिर भी देश भर में इन्हीं विषयों पर डिवेट किया जा रहा है। जबकि अगर डेंगू पर सवाल किया जाए कि इस बीमारी के प्रकोप से बचने के लिए देश भर में कौन सी योजना चलायी जा रही है। इस सवाल का जवाब शायद किसी को पता नहीं है और ना ही इसपर कोई सवाल किए जाते हैं।
सैयद शाह फकरे आलम ने कहा कि वायरल फीवर डेंगू मादा मच्छर के काटने पर होता है। इसे प्राकृतिक चिकित्सक हड्डी तोड़ बुखार का नाम देते हैं। क्योंकि इस बुखार में रोगी का अंग प्रत्यंग टूटता दर्द की असहनीय पीड़ा से ग्रसित रहता है। उन्होंने इनके लक्षणों पर चर्चा करते हुए बताया कि इसमें तेज बुखार, जी मिचलाना, नजर धुंधलापन,चक्कर आना, भूख की कमी,थकान ,सर एवं पेट में दर्द आदि लगता है।उन्होंने कहा कि इस बुखार में पूरे आराम एवं अधिक से अधिक जल सेवन आवश्यक है। उन्होंने जल को उबालकर ठंडा करके सेवन करने की सलाह दी और कहा कि डेंगू के फैलाव को रोकने हेतु जल का जमाव,नमी का विस्तार होने पर रोक लगाने की जरूरत है। इस बीमारी में मच्छरदानी का प्रयोग बहूत जरूरी है। खान-पान में फलों का रस,हरी शाक सब्जियों का सूप, तुलसी पत्ता, नीम पत्ती का काढ़ा, गिलोय का काढ़ा, पपीता पत्ते के रस का सेवन आदि आवश्यक है। उन्होंने शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत किए जाने पर बल दिया। इसके साथ ही अपने अनुभव एवं प्रयोग के आधार पर उन्होंने कहा की हरसिंगार के पत्ते का रस व काढ़ा का सेवन भी परम उपयोगी हैं।

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