सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश कुमार ने शनिवार को बिहार सरकार की परिवहन मंत्री शीला मंडल के खिलाफ सासाराम व्यवहार न्यायालय में एक परिवाद दायर किया है। इसमें मंत्री द्वारा देश के महान योद्धा व 1857 के विद्रोह में अग्रणी भूमिका निभाने वाले शहीद वीर कुंवर सिंह के खिलाफ अमर्यादित भाषा का उपयोग करने तथा समाज में जातीय तनाव फैलाने वाला बयान देने का आरोप लगाया गया है।
इस संबंध में सासाराम व्यवहार न्यायालय के वरीय अधिवक्ता राममूर्ति सिंह ने बताया कि मंत्री द्वारा पिछले गुरुवार को सीतामढ़ी में एक कार्यक्रम में देश के वीर सपूत के बारे में अमर्यादित भाषा का उपयोग किया गया। इस दौरान जाति सूचक शब्द का प्रयोग भी मंत्री ने किया, जिससे एक वर्ग विशेष के लोग आहत हैं। उन्होंने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह ने देश के लिए सभी जाति, धर्म व समुदाय को लेकर अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष करते हुए अपनी आहुति दी थी। लेकिन मंत्री शीला मंडल ने अपमानित करने वाली भाषा का प्रयोग किया है। अतः उनके विरुद्ध धारा 153A तथा 500 भादवि के तहत सासाराम मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में परिवाद दायर किया गया है।
सीतामढ़ी में गुरुवार को शीला मंडल ने एक कार्यक्रम में कहा था कि एक हाथ कट जाने पर राजपूतों के वीर कुंवर सिंह की इतनी वाहवाही हुई कि आज सभी लोग उनको जानते हैं। किताबों में उनके बारे में पढ़ाया जाता है, लेकिन सीतामढ़ी के शहीद रामफल मंडल को कोई नहीं जानता। शीला मंडल ने इस मामले को जाति से जोड़ते हुए यह भी कहा था कि सीतामढ़ी के रामफल मंडल शहीद हुए, अपनी जान की कुर्बानी दी लेकिन उनको उतना सम्मान नहीं मिला जितना वीर कुंवर सिंह को। शीला मंडल के इस बयान पर राजनीतिक दलों ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि बाद में उन्होंने अपने इस बयान के लिए खेद भी जताया।