जनपथ न्यूज़ डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना/भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
22 अप्रैल 2023

कर्नाटक में तो भाजपा में भगदड़ मची हुई है.एक तरफ जहां दावा यह है कि भारतीय जनता पार्टी देश की सबसे अनुशासित पार्टी है. लेकिन कर्नाटक में तो इस दावे की क़लई उतर चुकी है.वहाँ भाजपा में भगदड़ मची हुई है. पार्टी छोड़ने वाले सिर्फ़ साधारण विधायक ही नहीं हैं. भाजपा के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री तक ने वहाँ पार्टी छोड़ दी है.वे अब कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार बनकर वहाँ चुनाव लड़ रहे हैं.दर्जन भर से ज़्यादा विधायकों ने वहाँ तथाकथित अनुशासित पार्टी भाजपा को छोड़ दिया है.

गौरतलब है कि दक्षिण के चारों राज्यों में मात्र कर्नाटक में ही भारतीय जनता पार्टी मज़बूत स्थिति में है. वहाँ अभी भाजपा की ही सरकार है. इसलिए कर्नाटक को बचाने के लिए भाजपा ने वहाँ अपना सबकुछ होम कर दिया है. चुनाव की तारीख़ घोषित होने के पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी योजनाओं के उद्घाटन तथा शिलान्यास के सिलसिले में कर्नाटक की सात या आठ यात्रा कर चुके हैं. खबर यह है कि वहाँ उनकी बीस-बाइस चुनावी सभा होने वाली है. उनके अलावा केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों की फ़ौज के विषय में कहना ही क्या है.

प्रधानमंत्री जी ने वहाँ के भूतपूर्व उप मुख्यमंत्री ईश्वरप्पा जी से फ़ोन पर बात कर उनको मनाया. ईश्वरप्पा स्वयं उम्मीदवार नहीं थे.आठ मर्तबा जहाँ से वे लगातार विधायक रहे वहाँ से अपने पुत्र को अपनी जगह पर चुनाव लड़ाना चाहते थे.

अपने पूरे परिवार के साथ तथाकथित ईमानदारी का झंडा ढोने वाले भूतपूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा जी स्वयं चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. परिवारवाद की राजनीति की घोर विरोधी भाजपा ने उनकी जगह पर उनके पुत्र को अपना उम्मीदवार बनाया है.
विदित हो कि कर्नाटक में मौजूदा सरकार को चालीस प्रतिशत वाली सरकार कहा जाता है. विरोधी से ज़्यादा भाजपा समर्थक लिंगायत मठों के लोग चालीस प्रतिशत कमीशन का शोर मचा रहे हैं. भले ही मौजूदा सरकार के कमीशन का रेट चालीस प्रतिशत हो. लेकिन भाजपा कह रही है कि वह कर्नाटक को भ्रष्टाचार मुक्त बनाकर उसको नई ऊँचाई तक ले जाएगी. वैसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कर्नाटक के लोगों से कहा है कि अगर वे प्रधानमंत्री मोदी जी का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें यहाँ भाजपा सरकार बनानी होगी.बहरहाल कर्नाटक के मतदाता मोदी जी के आशीर्वाद के आकांक्षी हैं या नहीं यह तो चुनाव का परिणाम ही बताएगा !

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