जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना/भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
27 फरवरी 2023

बिहार की राजनीति हर दिन एक नए खेल के साथ शुरू हो रही है। जाहिर है गठबंधन की राजनीति में लगभग अकेले दिख रही भाजपा के भीतर यह खेल विशेष संदर्भ में हो रहा है। यहां दिलचस्प बात यह है कि भाजपा के सारे तीर निशाने पर लग रहे हैं। इन खेलों में एक खेल सुरक्षा का भी चल रहा है। इस सुरक्षा के खेल में भाजपा भी अपने को सुरक्षित रखने के समीकरण को दुरुस्त कर रही है। सुरक्षा के खेल में केंद्रीय नेतृत्व ने सबसे पहले लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान और अब वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी का नाम सुर्खियों में है। इस बीच भले महागठबंधन अपने भीतर मचे घमासान को सुलझाने में व्यस्त है या फिर अपना घर जलाकर तमाशा देख रही है। मगर फूंक- फूंक कर कदम रख रही भाजपा संभावित चुनावी समीकरण को एक-एक कर साध रही है। महागठबंधन के भीतर हमलावर होते लीडरान ने अपनी ही राजनीति को कुंद करने में लगे हैं। इस कड़ी में शिवानंद तिवारी, सुधाकर सिंह, उदय नारायण चौधरी, सुरेंद्र यादव की अपनी-अपनी भूमिका काफी नकारात्मक है। इन स्थितियों में भाजपा पूरी परिवक्वता के साथ 2024 लोकसभा चुनावी समीकरण बनाने में व्यस्त है।

*मुकेश सहनी पर भाजपा ने डाले डोरे*

विकासशील इंसान पार्टी यानी वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी पर मेहरबान सरकार अब उन्हें वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा देने जा रही है। यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुकेश सहनी को खुश करने के लिए की है। यह दीगर, केंद्र सरकार इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर यह सुरक्षा अब मुकेश सहनी को दी है। अब मुकेश सहनी की सुरक्षा में कम से कम 11 सुरक्षाकर्मी साथ में रहेंगे। अब सहनी के साथ सीआईएसएफ के जवान, साथ में दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर और पुलिसकर्मी रहेंगे। जाहिर है इस सुरक्षा के साथ भाजपा नेतृत्व ने मल्लाह जाति को अपने पक्ष में लाने की मुहिम की शुरुआत कर दी है।

*सुरक्षा को लेकर एक क्रेज भारत में है पर बिहार में कुछ ज्यादा*

वैसे तो सबसे बड़ी सुरक्षा एसपीजी होती है जो पीएम को मिलती है। इसमें कम से कम 52 सुरक्षाकर्मी होते हैं। इसके बाद अन्य वीआईपी के लिए चार एक्स, वाई, वाई प्लस, जेड और जेड प्लस सुरक्षा मिलती है। जेड प्लस की सुरक्षा वीवीआईपी को दी जाती है। इसके अलावा संभावित खतरे का अनुमान होने पर वीआईपी या बड़े नेताओं को जेड या वाई प्लस सुरक्षा दी जाती है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस संदर्भ में बिहार सरकार से कोई फीड बैक नहीं ली गई। आईबी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी के ऊपर संभावित खतरे को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी है। कहा जा रहा है कि मुकेश सहनी को सुरक्षा देकर भाजपा वोटों के नजरिया से खुद को सुरक्षित कर की गई है। यह आगामी लोकसभा की अभी से तैयारी है।

*चिराग पासवान पर भी सुरक्षा का साथ*

वैसे चुनाव को ध्यान में रखकर लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान पर भी राग सुरक्षा आजमाया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ दिन पहले लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान को जेड कैटेगरी की सुरक्षा दी थी। इसके बाद अब चिराग के साथ लगभग 22 सुरक्षाकर्मी साथ में रहेंगे। हालांकि इसके पहले उन्हें वाई सुरक्षा मुहैया कराया गया था। हालांकि चिराग पासवान पर मेहरबान तो केंद्र सरकार थी ही। इस वजह से अपरोक्ष रूप से चिराग पासवान ने मदद कर उप चुनाव में भाजपा को दो सीटों पर जीत दिलाई। भाजपा के इस प्रयास से लोजपा जो सात प्रतिशत वोट की राजनीति करती आई है, उसका लाभ आगामी लोकसभा चुनाव में मिलने जा रहा है।

*उपेंद्र कुशवाहा और आरसीपी सिंह को साथ लाकर ‘लव-कुश’ भी वोट सुरक्षा की पहल*

राज्य की राजनीति में राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा बिहार के लिए एक फैक्टर बन चुके हैं। और यह फैक्टर अगर आरसीपी सिंह के साथ खड़ा हो जाता है तो भाजपा जीत के जातीय समीकरण के करीब होगी। यही वजह है कि उपेंद्र कुशवाहा आगामी लोक सभा चुनाव में बनने वाले गठबंधन की धड़ा दिख रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल का उपेंद्र कुशवाहा से मिलना यह इशारा तो कर ही गया है।

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