जनपथ न्यूज डेस्क, पटना
12 जून 2022
पटना: विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर श्रम संसाधन विभाग और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि राज्य से बाल श्रम के उन्मूलन के लिए सरकार पूरी तरह से कृत संकल्पित है।बाल श्रम हो या बंधुआ मजदूरी अथवा मानव तस्करी, इसके रोकथाम के लिए आम जनता, पुलिस, प्रशासन, गैर सरकारी संगठनों को मिल-जुल कर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयास और जन-भागीदारी से ही हम बाल श्रम मुक्त बिहार का सपना साकार कर सकते हैं।
उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि हमें बाल श्रम के मुख्य कारकों को चिन्हि्त करना होगा। सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन दूर करके ही बाल श्रम से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि श्रम संसाधन विभाग द्वारा बाल श्रमिकों के विमुक्ति और उनके पुनर्वास हेतु सतत् प्रयास किया जा रहा है। कानून के माध्यम से बाल श्रम को प्रतिषिद्ध किया गया है और किशोर श्रम को खतरनाक नियोजनों में प्रतिषिद्ध किया गया है। यदि कोई नियोजक अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करके बालक या किशोर को नियोजित करता है, तो उसे 20000 से 50000 रुपये तक के जुर्माना के साथ-साथ 6 माह से 2 साल तक का दंड का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि राज्य कार्य योजना के माध्यम से बाल श्रम उन्मूलन, विमुक्ति और पुनर्वास हेतु श्रम संसाधन विभाग मुस्तैदी से काम कर रहा है। धावा दल के माध्यम से सतत् अभियान चलाया जा रहा है। दोषी नियोजकों के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज की जा रही है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बाल श्रम की रोकथाम के साथ-साथ विभाग द्वारा बालश्रम से विमुक्त किए गए बच्चों के पुनर्वास हेतु भी ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विमुक्त किए गए बच्चों की ट्रैकिंग के लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। चाइल्ड लेबर ट्रेसिंग सिस्टम के माध्यम से डेटाबेस तैयार कर विमुक्त किए गए बच्चों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 25000 रुपए की राशि दिए जाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बाल श्रम के कलंक से बिहार को मुक्त करने हेतु प्रत्येक परिवार को राजदूत की तरह काम करने की अपील करते हुए कहा कि जहां भी आप बाल श्रम देखें, उसका प्रतिकार करें एवं सरकार के उपलब्ध संसाधनों से बाल श्रमिकों को मुक्त करायें। उन्होंने बाल मज़दूरी के चंगुल से बच्चे-बच्चियों को मुक्त कराने में सरकार के साथ-साथ जीविका दीदियों, पंचायती राज संस्थाओं एवं सामाजिक संगठनों की भी अहम भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और उनसे पूरी सक्रियता एवं संवेदनशीलता के साथ कार्य करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर संसाधन विभाग के मंत्री जीवेश कुमार ने विभागीय कार्यक्रमों का उल्लेख किया एवं अपने महत्वपूर्ण विचार रखे। कार्यक्रम के दौरान बालश्रम से मुक्त कराये गये बच्चों को सरकार द्वारा प्रावधानित 25000 रुपये का चेक और पारितोषिक उप मुख्यमंत्री के कर-कमलों द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर बाल श्रम मुक्ति पर आधारित वृत्तचित्र एवं बच्चों द्वारा खूबसूरत नाट्य प्रस्तुति की गई।
मौके पर श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव श्री अरविंद कुमार चौधरी, समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री प्रेम सिंह मीणा, पुलिस उपमहानिरीक्षक कमजोर वर्ग श्री अनिल किशोर यादव, श्रमायुक्त सुश्री रंजीता, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ० प्रमिला कुमारी, यूनिसेफ की राज्य प्रमुख श्रीमती नफीसा बी. सफीक, श्रम संसाधन विभाग के विशेष सचिव श्री आलोक कुमार, श्री राजीव रंजन, अन्य विभागीय वरीय पदाधिकारीगण सहित स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि गण एवं बालश्रम से मुक्त कराए गए बच्चे एवं बच्चियां उपस्थित थे।

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