जिस जमीन पर शुरु होना निर्माण वहां 150 आदिवासी परिवार रह रहे, समिति ने मांगी रिपोर्ट
जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
21 मार्च 2023
भागलपुर : जिले के कहलगांव में विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जा रही है। हालत यह है कि जिस जमीन पर विश्वविद्यालय बनाना संभव नहीं है,केंद्रीय समिति की ओर से उसी जमीन से संबंधित रिपाेर्ट मांगी गई है। कहलगांव के मलकपुर में 215 एकड़ जमीन के प्रस्ताव पर केंद्रीय समिति ने डीएम से मंतव्य मांगा है। डीएम ने 15 मार्च काे स्थल का निरीक्षण किया था।
सप्ताहभर के अंदर फिर से रिपाेर्ट भेज दी जाएगी। लेकिन मलकपुर माैजा की उस जमीन पर पहले से आदिवासी समाज के करीब 150 परिवार रह रहे हैं। वहां 3500 पेड़ भी लगे हुए हैं। बाैद्ध धर्म से जुड़े धार्मिक स्थल भी हैं। वहां सिर्फ 28.37 एकड़ ही सरकारी जमीन है। ऐसे में बाकी जमीन के लिए उन आदिवासी परिवार काे हटाना हाेगा, इसके लिए कठिन प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा। इसके लिए जिला प्रशासन तैयार नहीं है। क्याेंकि इस काम में काफी मुश्किलें आएंगी।
गौरतलब हो कि इस कार्य के लिये प्रधानमंत्री ने आठ साल पहले ही घोषणा की थी लेकिन,अब तक इस दिशा में एक कदम भी सकारात्मक काम आगे नहीं बढ़ सका है।
*अब तक चार बार भेजा जा चुका है प्रस्ताव*: केंद्रीय विवि के लिए अब तक चार बार जमीन का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। पहले केंद्र सरकार की ओर से 500 एकड़ जमीन का प्रस्ताव मांगा गया। लेकिन वहां उतनी जमीन उपलब्ध नहीं थी। इसके बाद 200-200 एकड़ की जमीन का प्रस्ताव भेजा गया। इसके बाद लंबे समय तक मामला अटका रहा। इसके बाद फिर से कनेक्टिविटी काे ध्यान में रखकर प्रस्ताव भेजने काे कहा गया। इसके बाद पशुरामचक में 200 एकड़ जमीन का प्रस्ताव भेजा गया।
इनमें 163.44 एकड़ जमीन परशुरामचक और 36.67 एकड़ जमीन एकडारा माैजा में थी। यह जमीन विश्वविद्यालय के लिए जिला प्रशासन ने भी उपयुक्त बताया। कारण यह था कि यहां से सड़क मार्ग, रेल मार्ग की राह आसानी थी। साथ ही बाढ़-बरसात का पानी भी उस जमीन में नहीं ठहरता था।
जब पिछले साल केंद्रीय समिति आई थी ताे उन्होंने मलकपुर का प्रस्ताव मांगा था,लेकिन उस जमीन काे देखने के लिए जब पिछले साल फरवरी में दक्षिण बिहार केंद्रीय विवि गया के तत्कालीन कुलपति प्रो. हरिश्चंद्र सिंह राठौर की अध्यक्षता में गठित केंद्रीय समिति आई ताे उन्हाेंने कहा कि विक्रमशिला खुदाई स्थल से वह ज्यादा दूर है। इसलिए विक्रमशिला खुदाई स्थल के पिछले हिस्से में मलकपुर की जमीन का प्रस्ताव भेजने काे कहा। इसके बाद जिला प्रशासन ने वहां की रिपाेर्ट भेज दी। उसमें यह भी बताया गया कि वह जमीन उपयुक्त नहीं है। इसके बाद अब केंद्रीय समिति की ओर से डीएम से उसी जमीन पर मंतव्य के साथ रिपाेर्ट मांग ली गई।
*2015 में पीएम ने की थी घाेषणा,500 कराेड़ का बजट में भी हुआथा प्रावधान*: गौरतलब हो कि विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय की घाेषणा 2015 में प्रधानमंत्री ने की थी। इसे पीएम पैकेज से बनाया जाना था। इसके बाद बजट में 500 कराेड़ का इसके लिए प्रावधान भी किया गया। विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जमीन राज्य सरकार को उपलब्ध करानी है। इनमें शिक्षक, कर्मचारी, भवन समेत अन्य मदाें के लिए भी राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जानी है। जमीन खाेजकर उसकी रिपाेर्ट 2018 में ही केंद्र काे भेज दी गई थी।
*सप्ताहभर के अंदर भेजी जाएगी रिपाेर्ट*: इस बाबत भागलपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जमीन का प्रस्ताव पहले भी भेजा गया था। फिर से स्थल का निरीक्षण किया गया है। इसमें परशुरामचक और मलकपुर माैजा की जमीन है। मंतव्य के साथ इसकी रिपाेर्ट सप्ताहभर के अंदर विभाग काे भेजी जाएगी।