पीके बोले-30 साल से बिना काम के वोट ले रहे

जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना, भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
www.janpathnews.com
8 नवम्बर 2022

भागलपुर/पटना : बिहार के दो नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। वे दोनों नेता कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी हुआ करते थे लेकिन अब उनके बड़े आलोचक और दुश्मन बन गए हैं जी हां, पहला नाम है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का। वहीं, दूसरा नाम है जदयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर का।

दोनों नेता अलग-अलग तरीकों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजनैतिक तौर पर परेशान कर रहे हैं। प्रशांत किशोर तो पूरे बिहार में जन सुराज पदयात्रा कर रहे हैं और नीतीश कुमार के किए गए कामों की खूब आलोचना करते दिख रहे हैं। वहीं, आरसीपी सिंह भी पूरे बिहार के भ्रमण पर हैं और घूम-घूम कर नीतीश कुमार के विकास को नकली बता रहे हैं। फिलहाल ये दोनों नेता किसी भी पार्टी में नहीं हैं। बावजूद इसके नीतीश कुमार के विरुद्ध जहर उगलकर उन्हें नीचा दिखाने और उनकी राजनीतिक बोरिया-बिस्तर समेटवाने की कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

अब तक किसी पार्टी को जॉइन नहीं किया : गौरतलब है कि राज्यसभा की सदस्यता जाने और मंत्री पद छोड़ने के बाद आरसीपी सिंह लगातार पूरे बिहार का भ्रमण कर रहे हैंं। आरसीपी सिंह ने अभी तक कोई पार्टी जॉइन भी नहीं किया है लेकिन बिहार के हर क्षेत्र में जाकर नीतीश कुमार के किए गए कामों की आलोचना करने में वे तनिक भी संकोच नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि नीतीश कुमार के राजनैतिक व्यवहार की भी वे आलोचना करते देखे जा रहे हैं। सुल्तानगंज विधानसभा के रसीदपुर में सरदार पटेल की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में लोगों से उन्होंने कहा कि हमलोगों को संकल्प लेना है कि हमें पटेलियन होना है पलटू नहीं।
आरसीपी सिंह ने लोगों को संकल्प दिलाया कि आप लोग संकल्प लीजिए कि आप लोग पटेल के अनुयाई बनेंगे पलटू नहीं बनेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपने भविष्य को लेकर भी एजेंडा तय किया और बताया कि आने वाले समय में वह राजनीतिक कार्यक्रम भी करेंगे लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किस पार्टी में शामिल होंगे।

जनता को बदलना होगा : वहीं, जन सुराज पदयात्रा के दौरान पश्चिमी चंपारण में प्रशांत किशोर ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, बिहार में नेता को इस बात का आभास हो गया है कि वह 10 दिन जाएंगे, सिर नीचे झुकाएंगे, लोग उन्हें गाली देंगे,उठक-बैठक करवाएंगे,भला-बुरा बोलेंगे, लेकिन वोट उन्हीं को देंगे और यहां के नेताओं को भी यह बात समझ आ गई है कि उन्हें केवल चुनावी 10 दिन जनता से सुनने को मिलेगा। इसके बाद आने वाले 5 साल मौज में रहेंगे। लोगों को समझाते हुए प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अगर आप आगे भी ऐसे ही वोट करते रहे, तो अपनी दशा और दुर्दशा के लिए आप खुद जिम्मेदार होंगे। इसलिए, आपको अपने भविष्य के लिए खुद सजग होना पड़ेगा। इस दौरान प्रशांत किशोर लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार 30 सालों के कार्यकाल में बिहार के पिछड़े होने की वजह बताते हैं।

Loading

You missed