शिक्षक शराब पीने और बेचने वाले की सूचना सरकार को देने वाले फरमान को लेकर शिक्षक नाराज, आरजेडी ने ने नीतीश सरकार को घेरा…….
न्यूज डेस्क/जनपथ न्यूज
राकेश कुमार
जनवरी 31, 2021
बिहार में शराबबंदी कानून को सफल बनाने की जिम्मेदारी अब शिक्षकों के कंधों पर दी जा रहा है। बिहार के शिक्षक अब अपने-अपने इलाकों में जासूसी करते नजर आएंगे। नीतीश सरकार ने अपने एक आदेश में कहा है कि शिक्षक शराब पीने और बेचने वाले की सूचना सरकार को देंगे।
बिहार के शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को एक निर्देश जारी कर प्राथमिक, माध्यमिक और माध्यमिक सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल और शिक्षकों को शराब का सेवन करने वाले या अवैध शराब के कारोबार में शामिल लोगों के बारे में जानकारी जुटाने को कहा है। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार की तरफ से जारी इस पत्र में कहा गया है कि प्रिंसिपल और शिक्षक यह भी सुनिश्चित करेंगे कि कहीं स्कूल बंद होने के बाद शराबियों द्वारा स्कूल परिसर का उपयोग तो नहीं किया जा रहा है।
इस नए फरमान पर कोहराम मच गया है। शिक्षक सड़क पर उतर गए हैं। वहीं इस मुद्दे ने सियासी रंग भी ले लिया है, इतना ही नहीं सरकार के मंत्री भी सुशासन बाबू के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
नए सरकारी फरमान से गुस्साए शिक्षको ने आंदोलन तक की चेतावनी दे दी है। फैसले का विरोध कर रहे एक शिक्षक ने कहा, ”हम 24 घंटे की मोहलत देते हैं सरकार को नहीं तो सभी प्रखंड मुख्यालय पर हम इसकी प्रति को जलाएंगे सरकार फिर भी नहीं मानी तो आंदोलन किया जाएगा”।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि शिक्षकों को जो दायित्व दिया गया है बिहार में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए तो शिक्षकों को कितना काम देंगे, यह बिहार सरकार चौकीदार वाला काम भी शिक्षक से करवाएगी तो फिर पुलिस क्या करेगी। उन्होंने कहा कि असल में तो शराब माफिया पुलिस ही है तो क्या पुलिस को पकड़ने का काम शिक्षक करेंगे।”
बता दें कि विरोधी ही नहीं, नीतीश सरकार के मंत्री भी नए फरमान का विरोध कर रहे हैं। एक बात साफ है कि ये पूरा विवाद इसलिए है क्योंकि बिहार में शराबबंदी कानून तो लागू है, लेकिन शराब की बिक्री कभी बंद नहीं हो पायी। नतीजा रोजाना सुशासन बाबू का ये कानून सवालों में रहता है और कोई ना कोई बखेड़ा खड़ा होता ही है। इस पर आम लोग से लेकर देश के मुख्य न्यायधीश तक सवाल उठा चुके हैं, लेकिन नीतीश अपनी जिद पर कायम हैं।