जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 30 नवम्बर :: ग्रहण अद्भुत खगोलीय घटनाक्रम है। सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आने पर इसकी छाया से चंद्रमा पूरी तरह ढक जाता है तो इसे चन्द्र ग्रहण कहा जाता है। वर्ष 2020 में इस वर्ष का आखरी चंद्रग्रहण आज 30 नवम्बर सोमवार को होगा।
इस वर्ष कुल 6 ग्रहण (चंद्र ग्रहण -4 और सूर्य ग्रहण-2) लगने थे। चार ग्रहण लग चुके हैं। दो ग्रहण में से एक चंद्रग्रहण 30 नवम्बर को और दूसरा सूर्य ग्रहण माह दिसंबर में लगेगा।
आज लगने वाली चंद्र ग्रहण एक उपछाया चंद्र ग्रहण है, जिसके कारण से चंद्र ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा। चंद्र ग्रहण दोपहर 1.04 बजे से शाम 5:22 बजे तक रहेगा। ग्रहण का मध्यकाल दोपहर 3:13 बजे और ग्रहण समाप्त शाम 5:22 बजे होगा। चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।
ज्योतिषाचार्य का मतानुसार चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण का हर व्यक्ति के जीवन पर कुछ सकारात्मक, तो कुछ नकारात्मक, प्रभाव पड़ता है।
चंद्र ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में चंद्रग्रहण दिखाई नहीं देगा।
ग्रहण से पहले के समय को सूतक काल कहते हैं. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सूतक काल ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले शुरु होता है और ग्रहण खत्म होने के साथ ही खत्म होता है। इसलिए ग्रहण लगने से पहले कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। चूंकि चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इस लिए सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा।