विश्व प्रसिद्ध चार दिवसीय छठ पूजा सम्पन्न
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 21 नवम्बर :: विश्व प्रसिद्ध सूर्य देव की आराधना तथा संतान के सुखी जीवन की कामना के लिए समर्पित छठ पूजा आज सम्पन्न हो गया।
चार दिवसीय छठ पूजा 18 नवम्बर को पहला दिन नहाय-खाय, 19 नवम्बर को दूसरा दिन लोहंडा और खरना, 20 नवम्बर को दिन सन्ध्या अर्घ्य और 21 नवम्बर को चौथा दिन सूर्योदय अर्घ्य, पारण के साथ सम्पन्न हुआ।
सभी छठव्रती शुक्रवार 20 नवम्बर को अस्तलगामी अर्घ्य देने से पहले बांस की टोकरी को फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू और पूजा के सामान से सजाकर गंगा नदी, तलाब पोखर इत्यादि जगहों पर जहां अर्ध्य देने की व्यवस्था थी वहाँ पहुंचकर सन्ध्या अर्ध्य और 21 नवम्बर को प्रातःकालीन अर्ध्य अर्पित किया।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सायंकाल में सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं. इसलिए छठ पूजा में शाम के समय सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर उनकी उपासना की जाती है।
ज्योतिषियों के अनुसार ढलते सूर्य को अर्घ्य देने से कई मुसीबतों से छुटकारा मिलती है और सेहत से जुड़ी भी कई समस्याएं दूर होती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण के मुताबिक ढलते सूर्य को अर्घ्य देने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
पटना में कोरोना महामारी के कारण प्रशासन के अनुरोध के अनुरुप अधिकांश लोग अपने अपने घरों में छत पर भगवान भास्कर को अस्तलगामी और प्रातःकालीन अर्ध्य अर्पित किया।