भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शनिवार को नीतीश कुमार से मिलने मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। उनके साथ संजय जायसवाल, ललन सिंह, जेपी नड्डा, सुशील मोदी और भूपेंद्र यादव भी मौजूद थे। नाश्ता करने के बाद विधानसभा चुनाव में एनडीए की रणनीति पर बातचीत हुई। भाजपा और जदयू के नेताओं के बीच इस मुद्दे पर भी बात हुई कि सीट कैसे बांटी जाएंगी। जदयू विधानसभा के 243 सीट को दो हिस्से में बांटना चाहता है। जदयू अपने हिस्से की सीट हम को देने पर विचार कर रहा है। इसी तरह पार्टी का कहना है कि भाजपा लोजपा को अपने हिस्से की सीट दे।

भाजपा सीट को तीन हिस्से में बांटने की इच्छुक है। इसमें भाजपा, जदयू और लोजपा के बीच सीट बंटेगी और हम को जदयू अपने कोटे की सीट देगा। दोनों दलों के नेताओं के बीच सीटों के फाॅर्मूले पर चर्चा हुई। लोजपा की नाराजगी और एनडीए में मांझी की एंट्री के बाद यह भेंट अहम मानी जा रही है। जदयू और भाजपा के नेताओं के बीच करीब एक घंटे बात हुई।

मास्क पहनकर जेपी नड्डा ने पटनदेवी मंदिर में पूजा की
इससे पहले जेपी नड्डा सुबह पटनदेवी मंदिर पहुंचे। उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना की और माता से बिहार विधानसभा चुनाव में जीत की मन्नत मांगी। मंदिर में नेता और सभी पुजारी मास्क पहने हुए थे।

नड्डा के साथ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, बिहार सरकार में मंत्री नंद किशोर यादव, सांसद रामकृपाल यादव समेत भाजपा के कई नेता मौजूद थे। मंदिर के पुजारी ने सभी नेताओं को सम्मानित किया। मंदिर में प्रसाद ग्रहण करने से पहले सभी का हाथ सैनिटाइज कराया गया।

भाजपा की कोर ग्रुप की बैठक में चुनावी रणनीति पर हुई बात
प्रदेश भाजपा कार्यालय में शुक्रवार देर शाम भाजपा कोर ग्रुप की एक अहम बैठक हुई थी। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ देवेंद्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, मंत्री प्रेम कुमार, मंत्री नंदकिशोर यादव, सांसद राधामोहन सिंह, सीपी ठाकुर समेत पार्टी के कई प्रमुख नेता शामिल हुए थे। भाजपा ने आगामी चुनाव की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की। इसमें सबसे महत्वपूर्ण चर्चा रही सहयोगी दलों के साथ सीटों के तालमेल को लेकर। साथ ही इस बात पर भी चर्चा हुई कि कैसे भाजपा ज्यादा से ज्यादा संख्या में अपने वोटरों को घरों से बाहर लेकर आए।

कोरोना काल में हो रहे इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए वोटरों को घर से बाहर लाना सबसे बड़ी चुनौती है। भाजपा के वोटर शहरी इलाकों में ज्यादा होते हैं और शहरों में कोरोना को लेकर के जो स्थिति है उसके मद्देनजर भाजपा को इस बात का डर सता रहा है कि उसके वोटर इस बार घरों से बाहर न निकले।

बैठक में जेडीयू के उस रुख पर भी चर्चा हुई, जिसमें जेडीयू अपने और भाजपा के बीच ही सीधे-सीधे सीटों का बंटवारा कराना चाहता है। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों की माने तो जेडीयू इस बार अपनी और भाजपा के बीच ही सीटों का बंटवारा चाहती है और बंटवारे से हम और लोजपा को अलग रखना चाहती है। जदयू की राय है कि भाजपा अपने आवंटित सीटों में से लोजपा को उसका हिस्सा दे और जेडीयू अपनी आवंटित सीटों में से हम को हिस्सा देगी। इस तरह से सीधे तौर पर सीटों का बंटवारा सिर्फ दो पार्टियों के बीच होगा।

लोजपा जदयू के इसी रुख को लेकर नाराज है और उसने जेडीयू के हिस्से आने वाली सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने का अल्टीमेटम एक तरह से दिया है। यानी पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की माने तो लोजपा वही बोल रही है जो भाजपा बोलना चाह रही है और जो संदेश इशारों-इशारों में जेडीयू तक पहुंचाना चाह रही है। मतलब दो पार्टियों के बीच सीधे-सीधे सीटों के बंटवारे का फार्मूला भाजपा अपनाने को तैयार नहीं है।

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