विधेयक के संसद में पारित होने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत और इसके करुणा तथा भाईचारे के मूल्यों के लिए ऐतिहासिक दिन करार दिया.

जनपथ न्यूज़ नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को लेकर असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच संसद ने बुधवार को इस विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी. राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया. सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज कर दिया. विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 99 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया. विधेयक के संसद में पारित होने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत और इसके करुणा तथा भाईचारे के मूल्यों के लिए ऐतिहासिक दिन करार दिया. उन्होंने ट्वीट किया कि विधेयक ‘‘वर्षों तक पीड़ा झेलने वाले अनेक लोगों के कष्टों को दूर करेगा.’ मोदी ने राज्यसभा में विधेयक का समर्थन करने वाले सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया. गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया कि नागरिकता संशोधन विधेयक पूरी तरह से संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप है तथा इसमें ‘‘किसी की नागरिकता लेने नहीं, देने’’ का प्रावधान है इसलिए देश के मुस्लिम नागरिकों को इससे डरने की जरूरत नहीं है.

  1. कैब को संसद द्वारा मंजूरी प्रदान किए जाने के बीच इसे लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर असम के गुवाहाटी में बुधवार को अनिश्चिकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया जबकि त्रिपुरा में असम राइफल्स के जवानों को तैनात कर दिया गया है. पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों से भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन की खबरें है, लेकिन राज्यसभा में विस्तृत चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया.
  2. विधेयक को दो दिन पहले लोकसभा में पारित किया गया था. अब इस विधेयक को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति के हस्ताक्षर की जरूरत है.
  3. केन्द्र ने असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए अर्द्धसैनिक बलों के पांच हजार जवानों को भी भेजा है. विधेयक के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी असम की सड़कों पर उतरे. प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हुई और इससे राज्य में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है. प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र शामिल हैं जिनकी सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई.
  4. दूसरी ओर राज्यसभा में इस विधेयक पर चर्चा चल रही थी. कaई पार्टियों ने विधेयक का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि यह प्रस्तावित कानून भारतीय संविधान और देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर एक सीधा हमला है.
  5. इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सूत्रों ने कहा कि वह इस प्रस्तावित कानून के समर्थन में देशभर में अभियान चलायेगा.
  6. सोमवार को लोकसभा में विधेयक के पारित होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में इसे पारित कराने के लिए एक मजबूत आधार बनाया और कई पार्टियों के कड़े विरोध को खारिज कर दिया.
  7. शाह ने राज्यसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए दावा किया कि नागरिकता संशोधन विधेयक पूरी तरह से संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप है तथा इसमें ‘‘किसी की नागरिकता लेने नहीं, देने” का प्रावधान है इसलिए देश के मुस्लिम नागरिकों को इससे डरने की जरूरत नहीं है.
  8. कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने भाजपा से पूछा, ‘क्या पूरा देश इस प्रस्तावित कानून से खुश है? असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और नगालैंड में विरोध प्रदर्शन क्यों हो रहे है?’
  9. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद से नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने को भारत के संवैधानिक इतिहास का ‘काला दिन’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि यह उस भारत की सोच को चुनौती है जिसके लिए राष्ट्र निर्माता लड़े थे. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस भाजपा के ”विभाजनकारी एजेंडे” के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगी.
  10. असम में राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए 10 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को रोक दिया गया है.

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