लखनऊ एनसीओई एथलीट आईसेन्गफा गोगोई ने 55 किग्रा वर्ग में राष्ट्रीय यूथ रिकॉर्ड तोड़ केआईवाईजी 2025 स्वर्ण पदक जीता

जनपथ न्यूज़ स्पोर्ट्स डेस्क
11 मई 2025
राजगीर: असम की आईसेन्गफा गोगोई ने रविवार को राजगीर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में जारी खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में 55 किलोग्राम भार वर्ग में कुल 183 किलोग्राम वजन उठाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। 17 वर्षीय आईसेन्गफा 2023 से भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (NCOE), लखनऊ में कोच राहुल शर्मा के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रही हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल की कोयल बार द्वारा 2024 एशियन चैंपियनशिप (दोहा, कतर) में बनाए गए 182 किग्रा के यूथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड को अपने नाम किया।
पिछले साल चेन्नई में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स में आईसेन्गफा पदक जीतने से चूक गई थीं, लेकिन इस बार उन्होंने शानदार वापसी की। उन्होंने स्नैच में 75 किग्रा से शुरुआत की और फिर क्रमशः 79 और 81 भार उठाया। इसके साथ उन्होंने ओडिशा की मीना संता द्वारा सुवा (फिजी) में आयोजित वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में बनाए गए स्नैच के 81 किग्रा रिकॉर्ड की बराबरी की। मीना संता ने कुल 177 किग्रा (80+97) वजन उठाकर रजत पदक जीता, जबकि आंध्र प्रदेश की हेमा श्री करंगी ने कुल 164 किग्रा (72+92) वजन उठाकर कांस्य पदक हासिल किया।
2023 से खेलो इंडिया एथलीट रही आईसेन्गफा ने पिछले साल हिमाचल प्रदेश के नगरोटा बगवां में आयोजित आईडब्ल्यूआईएफ राष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। इसके अलावा उन्होंने भुवनेश्वर में अस्मिता वेटलिफ्टिंग ज़ोनल लीग में 167 किग्रा (73+94) के साथ रजत पदक भी जीता था।
आईसेन्गफा ने कहा, “यह मेरा खेलो इंडिया में पहला स्वर्ण पदक है, और इसके लिए मैं अपने कोच, माता-पिता और खास तौर पर साई एनसीओई लखनऊ को धन्यवाद देती हूं। मैं पिछले दो वर्षों से यहां प्रशिक्षण ले रही हूं। मैं एक खेलो इंडिया एथलीट हूं और मुझे प्रतिमाह ₹10,000 की स्कॉलरशिप मिलती है। ऐसी पहल हमारे जैसे खिलाड़ियों के लिए बहुत मददगार है, जिससे हम अपनी प्रदर्शन को अंतरराष्ट्रीय स्तर से तुलना कर सकते हैं। मेरा सपना भारत के लिए ओलंपिक में भाग लेना है।”
आईसेन्गफा ने यह भी बताया कि उनके पिता दीपज्योति गोगोई कभी राज्य स्तर पर नहीं खेले लेकिन घर पर पावरलिफ्टिंग किया करते थे, जिससे उन्हें प्रेरणा मिली। वे असम के सिबसागर जिले के करुलाकालिया गांव में एक छोटा टेंट हाउस व्यवसाय चलाते हैं और माँ नबनीता गृहिणी हैं।
आईसेन्गफा ने कहा,“पिता जी की ताकत और उनकी ट्रेनिंग ने मुझे इस खेल की ओर आकर्षित किया। मैंने 13 साल की उम्र से वेटलिफ्टिंग शुरू की थी। मैंने सोचा भी नहीं था कि चोट के बाद वापसी कर पाऊंगी और स्वर्ण पदक जीतूंगी। अब मेरा लक्ष्य इस साल अगस्त में अहमदाबाद में होने वाली कॉमनवेल्थ यूथ चैंपियनशिप के ट्रायल्स में क्वालिफाई करना है।”
इससे पहले लड़कों की 61 किग्रा स्पर्धा में पंजाब के सुनील सिंह ने कुल 238 किग्रा (108+130) वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता, जो पश्चिम बंगाल के अनिक मोदी (97+135) से छह किग्रा अधिक था। तमिलनाडु के जयनवराज जे. ने कुल 231 किग्रा (104+127) के साथ कांस्य पदक जीता।
लड़कों के 67 किग्रा वर्ग में महाराष्ट्र के यश खंडगले ने कुल 267 किग्रा (122+145) वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता। असम के अभिनव गोगोई (116+135) ने रजत और हरियाणा के समीर खान, जो एनसीओई लखनऊ से हैं, ने कुल 241 किग्रा (109+132) के साथ कांस्य पदक जीता।