बिहारब्रेकिंग न्यूज़राजनीति

खुलासाः बिहार भाजपा के दो बड़े नेताओं ने ‘नीतीश’ की नाक में किया था दम…

परेशानी ने उठाया था बड़ा कदम

जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
www. Janpathnews.com
23 दिसंबर 2022

भागलपुर/पटनाः बिहार भाजपा के दो बड़े नेताओं ने नीतीश कुमार की नाक में दम कर रखा था। लिहाजा मुख्यमंत्री को दोनों नेताओं से चिढ़ हो गई थी। तभी उन्होंने भाजपा से अलग होने का निर्णय लिया। भाजपा के एक नेता विधानसभा के अंदर सरकार को आईना दिखा रहे थे और नीतीश कुमार की मनमर्जी पर रोक लगा रहे थे। दूसरे नेता बाहर में सीएम नीतीश की नीति पर सवाल खड़े कर रहे थे। भाजपा के दोनों कद्दावर नेता बिना झुके नीतीश कुमार की पोल खोलने में जुटे थे। इन दोनों की वजह से सीएम नीतीश खासे परेशान थे। अपनों के हमले से परेशान सीएम ने कई दफे अपना आपा भी खोया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे काबिल मंत्री ने गुरुवार को यह खुलासा किया है और कहा कि इन्हीं दो नेताओं की वजह से नीतीश कुमार अलग हुए।

नीतीश के खास व पुराने मंत्री का दावा : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे काबिल और वरिष्ठ मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने गुरुवार को बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि विधानसभा के स्पीकर के रूप में विजय सिन्हा का क्या बर्ताव था ? दरअसल, भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल और विजय सिन्हा की वजह से ही नीतीश कुमार एनडीए से अलग हुए। विजय सिन्हा आज चिल्ला रहे हैं। ये पहले नीतीश कुमार की कैबिनेट में मंत्री थे. अपना परफॉरमेंस तो बताएं, विपक्ष में रहते हैं तो भटर-भटर बोलते हैं और पक्ष में रहते हैं तो काम ही नहीं करते हैं।

शराबबंदी पर सवाल उठाकर बने दुश्मन : आखिर विजय सिन्हा और भाजपा के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल से नीतीश कुमार इतने क्यों चिढ़ते हैं…. ? भाजपा अध्यक्ष के रूप में संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार की नीतियों का पुरजोर विरोध किया था। सरकार में साथ रहने के बाद भी शराबबंदी, कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार और अफसऱशाही को लेकर संजय जायसवाल लगातार सवाल उठा रहे थे। वे शराबबंदी को फेल कराने में नीतीश कुमार की पुलिस और प्रशासन को घेरने से बाज नहीं आते थे। अग्निवीर हंगामा और भाजपा नेताओं पर हमले पर भाजपा अध्यक्ष ने सीधे तौर पर पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था। कई मौकों पर भाजपा अध्यक्ष ने नीतीश सरकार की पोल खोलकर रख दी थी। साथ रहने के बाद शराबबंदी पर सवाल खड़े करने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को भला नीतीश कुमार कैसे बर्दाश्त कर सकते थे ? भाजपा के नेता अब तक नीतीश कुमार के सामने सरेंडर की मुद्रा में होते थे, लेकिन संजय जायसवाल लगातार मोर्चा खोले हुए थे। नीतीश कुमार यह बर्दाश्त नहीं कर सके।

पहली दफे भाजपा के स्पीकर से नीतीश को पड़ा था पाला : नीतीश कुमार विस के पूर्व स्पीकर विजय सिन्हा से काफी चिढ़ते हैं। वरिष्ठ मंत्री विजेन्द्र यादव ने इसका खुलासा करते हुए कहा है कि इन्होंने अलग होने के लिए बाध्य कर दिया। दरअसल, जब से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हैं, तब से उन्हें पहली दफे 2020 में भाजपा कोटे के स्पीकर से पाला पड़ा। इसके पहले उदय नारायण चौधरी और विजय चौधरी अध्यक्ष थे और दोनों नीतीश कुमार के विश्वासपात्र थे। तब तक नीतीश कुमार की मर्जी के बिना विधानसभा में पत्ता भी नहीं हिलता था। 2020 विधानसभा चुनाव में 43 सीटें आने के बाद नीतीश कुमार के हाथ से विस अध्यक्ष की कुर्सी छीन गई। भाजपा ने स्पीकर की कुर्सी जदयू से छीनकर वहां विजय सिन्हा को बिठा दिया। स्पीकर की कुर्सी पर विजय सिन्हा के आने के बाद सरकार का प्रभाव कम हो गया। विजय सिन्हा अब दबाव रहित होकर काम करने लगे। सदन के अंदर सवाल पर सरकार को जवाब देने पर मजबूर किया गया। कई ऐसे मौके आये जब सवालों के जवाब देने में मंत्रियों की घिग्धी बंध गई और अफसरशाही में हड़कंप मच गया। लखीसराय कांड में सीएम नीतीश और स्पीकर विजय सिन्हा आमने-सामने हो गए। मुख्यमंत्री ने स्पीकर पर गंभीर आरोप लगाये. स्पीकर विजय सिन्हा ने भी सीएम नीतीश के जीरो टॉलरेंस की हवा निकाल दी। स्पीकर ने मुख्यमंत्री के सामने सदन में कहा कि आपकी नीति लखीसराय मामले में कहां गई। आप कहते हैं कि न हम किसी को फंसाते हैं और न किसी को बचाते हैं तो फिर लखीसराय मामले में ऐसा क्यों हो रहा ? सदन के अंदर नीतीश कुमार के आपा खोने के बाद देश स्तर पर इनकी भारी किरकिरी हुई थी। पहली दफे मुख्यमंत्रई नीतीश कुमार को सार्वजनिक तौर पर किसी ने आईना दिखाया था। विपक्षी पार्टी राजद ने इस बड़ा मुद्दा बना लिया था।

Loading

Related Articles

Back to top button