शाह-नड्डा कीे रवानगी के 24 घंटे बाद ही नीतीश हुए कोरोना मुक्त
जनपथ न्यूज डेस्क/पटना
Reported:by: गौतम सुमन गर्जना, भागलपुर
Edited by: राकेश कुमार
भागलपुर/पटना: बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाले एनडीए में जदयू और भाजपा के बीच रस्साकशी खूब चल रही है। हाल ही में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह भाजपा के मिशन- 200 कार्यक्रम में पटना पधारे हुए थे, लेकिन उनके आने के ठीक पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार कोरोना पॉजिटिव हो गए और जैसे ही दोनों नेता कार्यक्रम के बाद दिल्ली रवाना हुए, नीतीश कुमार 24 घंटे में ही कोरोना से ठीक हो गए। इसके बाद सियासी हल्कों में फिर अटकलें शुरू हो गईं कि भाजपा और जदयू के बीच सब कुछ ठीक नहीं है।
*डिप्टी सीएम ने कहा था-मुलाकात तय*
बिहार के डिप्टी सीएम और भाजपा नेता तारकिशोर प्रसाद ने अमित शाह और नड्डा के बिहार आगमन से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि भाजपा अध्यक्ष और अमित शाह अपने बिहार दौरे के दौरान भाजपा कार्यक्रम के बाद रवानगी से पहले नीतीश कुमार से भी मुलाकात करेंगे लेकिन नीतीश इन दोनों भाजपा नेताओं से कोरोना के कारण नहीं मिले। चौंकाने बात यह है कि शाह और नड्डा के दिल्ली लौटने के 24 घंटों के भीतर ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार कोरोना निगेटिव हो गए।
*सीट शेयर पर अंदर से हिला हुआ है जदयू*
कहा जाता है कि जब से भाजपा ने बिहार में 200 सीटों की तैयारी के लिए पटना के कार्यक्रम की घोषणा की, तभी से जदयू अंदर ही अंदर काफी हिली हुई दिख रही है। सियासी विश्लेषकों के अनुसार नीतीश कुमार इसे अपने दल हेतु आगामी विधानसभा चुनाव में सीटों की हिस्सेदारी के लिहाज से खतरे की घंटी मान रहे हैं। जदयू को बड़े भाई-छोटे भाई की लड़ाई में जदयू के लिए 50-60 सीट से ज्यादा का ऑफर नहीं होने का डर सता रहा है। शायद यही कारण है कि नीतीश ने कोरोना के बहाने नड्डा और शाह से मुलाकात से परहेज कर लिया हो।
*मुकेश साहनी और नीतीश की नजदीकियां*
एनडीए की खटपट में एक और डेवलपमेंट खबर यह है कि कभी इस गठबंधन का हिस्सा रही वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश साहनी लगातार भाजपा पर गठबंधन धर्म की नसीहत देते हुए हमले कर रहे हैं। मगर नीतीश कुमार की जदयू इसपर मौन साधे हुए हैं। एक तरह से जदयू साहनी के बयानों को अपने दल के करीबी मित्र की तरफ से दिये बयानों की तरह ले रही है। मुकेश साहनी ने कहा कि वह एनडीए के साथ नहीं हैं, लेकिन नीतीश कुमार के साथ हैं और भाजपा बिहार में बिना जदयू और अन्य सहयोगियों के नहीं चल सकती।
*200 के जवाब में जदयू की 243 वाली तैयारी*
बिहार की सियासत पर करीबी निगाह रखने वालों का कहना है कि क्षेत्रिय पार्टियां चाहे किसी भी राज्य की हों, सभी का मिशन अपने दल के विस्तार का होता है। ऐसे में जदयू हों या फिर मांझी की हम या साहनी की वीआईपी, सभी सीट शेयर में ज्यादा हिस्से को अपनी पार्टी के विस्तार के लिए जरूरी मानते हैं। पटना में जब भाजपा ने 200 सीटों पर तैयारी का ऐलान किया तो जदयू ने भी कह दिया कि उसकी तैयारी सभी 243 सीटों पर है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा था कि 200 क्यों, सभी 243 सीटों पर तैयारी करिए यानि भाजपा के एकतरफा ऐलान पर यह एक तरह से जदयू के एनडीए गठबंधन से बाहर होने का अल्टीमेटम ही है।
बहरहाल, आमजनों के बीच इस बात की चर्चा जोरों पर है कि आखिर कैसे और किस तरह राजनीति के बड़े खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव से तुरंत निगेटिव हो जाते हैं,जबकि ऐसा अन्य लोगों के साथ नहीं होता है। विदित हो कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झारखंड दौरे के दौरान इसी तरह डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद कोरोना पॉजिटिव हुए थे और यह खबर आई थी कि इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद की अनुपस्थिति का कारण उनका कोरोना पॉजिटिव होना है, लेकिन इस खबर के ठीक एक दिन बाद डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद अन्य नेताओं के साथ सुल्तानगंज में श्रावणी मेला का उद्घाटन करते हुए नजर आए थे। ऐसे में आमजनों के सवालों का जवाब तो ये राजनीतिक खिलाड़ी ही दे सकते हैं।