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मात्र 29 दिनों में ही ढह गया मुख्यमंत्री का सुशाशन-मंजूबाला

बिहार महिला कांग्रेस की पूर्व उपाध्यक्ष मंजूबाला पाठक ने सत्तारघाट पूल बहने पर कड़ा हमला बोला है।उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का सुशान 29 दिन में ही बह गया।अब सवाल ये है कि क्या इसमें भरस्टाचार की जांच होगी?और पैसों की रिकवरी कैसे होगी?सरकार को बिहार की लोगो से ये बताना चाहिए।

बिहार इस वक्त डबल मुसीबत से जूझ रहा है. एक तो बाढ़ का कहर और दूसरी तरफ कोरोना की मार, ऊपर से प्रशासन की नाकामी. सुशासन का दावा करने वाली नीतीश सरकार के दावों की पोल गोपालगंज में पुल का एक हिस्सा ढहने से खुल गई. एक महीने पहले ही सत्तरघाट महासेतु का उद्धाटन हुआ था और 264 करोड़ की लागत पानी में बह गई.

16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुल का उद्घाटन किया था. लोगों का कहना है कि एक माह पूर्व ही इस पुल का उद्घाटन हुआ था. पानी के ज्यादा दबाव के कारण पुल टूट गया है. लोगों के आने-जाने का लिंक समाप्त हो गया है. इधर के लोगों का लालछापर, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया जाने का लिंक बंद हो गया है.

ये पुल गोपालगंज को चंपारण से और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों को जोड़ता था. बता दें कि गोपालगंज में बुधवार को तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था. गंडक के इतने बड़े जलस्तर के दबाव से इस महासेतु का एप्रोच रोड टूट गया.

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