जमुई. केंद्र में सत्ता संभालते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों को एक गांव गोद लेने का निर्देश दिया था। सांसद चिराग पासवान ने नवंबर 2014 में बटिया स्थित वन विभाग के विश्रामागार में समारोह आयोजित कर आदर्श गांव बटिया सहित पूरे दहियारी पंचायत को आदर्श पंचायत बनाने की घोषणा की थी। आदर्श ग्राम की घोषणा के लगभग चार साल पूरे होने को है, लेकिन आदर्श पंचायत दहियारी अभी भी बदहाल है।
-गोद लेने के बाद यहां के लोगों में उम्मीद जगी थी कि पंचायत को सांसद चिराग पासवान का दुलार भी मिलेगा। विकास की दौड़ में यह पंचायत लोकसभा में सबसे आगे होगा, लेकिन लोगों की उम्मीद पूरी नहीं हुई। आदर्श पंचायत दहियारी में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। लोग बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
-सोनो ब्लॉक से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दहियारी पंचायत को अब सांसद आदर्श पंचायत कहा जाता है। पंचायत की आबादी करीब आठ हजार है। पंचायत की सूरत ऐसी है कि हर तरफ गंदगी दिखती है। स्वच्छ भारत मिशन केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में है। बावजूद सांसद के गोद लिए पंचायत में गंदगी ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है।
4 से 5 घंटे मिलती है बिजली
-आदर्श पंचायत का हाल यह है कि यहां मुश्किल से रोज 4 से 5 घंटे ही बिजली मिल पाती है। पंचायत में बहुत हद तक सड़कों का निर्माण हुआ है, लेकिन आज भी खैरालेवार मुसहरी टोला, असनातरी आदि गांव के लोग सड़क के लिए तरस रहे हैं। बीमार मरीजों को यातायात के साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण लोग खाट पर ढोने को मजबूर हैं।
कुएं का पानी पीने को मजबूर हैं लोग
-पंचायत में पेयजल की गंभीर समस्या है। खैरालेवार मुसहरी टोला में पीने के पानी के लिए कुआं है। कुएं में चारों ओर गंदगी फैली है साथ में इसमें मुंडेर भी नहीं है। यहां के रहवासी किशुन राय का कहना है कि बरसात का पानी भी इसी कुएं में चला जाता है। बावजूद इसके वे लोग इस पानी को पीने को मजबूर हैं। वहीं बदगामा, खांजर, उखरिया,असनातरी, पिंडारी आदि गांव में पेयजल की गंभीर समस्या है।
दो रूम में पढ़ते हैं आठ क्लास के बच्चे
-उत्क्रमित मध्य विद्यालय बटिया को उच्च विद्यालय का दर्जा तो दे दिया गया, लेकिन क्लास रूम की व्यवस्था नहीं की गई। आवश्यकता के अनुरूप शिक्षकों की बहाली नहीं हुई है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय गिद्धाडीह में दो कमरे में 8 क्लास की पढ़ाई होती है। स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक राजेंद्र पासवान का कहना है कि यहां क्लास रूम की बहुत जरूरत है।
खुले में शौच जाने को मजबूर हैं लोग
-दहियारी पंचायत की अधिकांश आबादी के सामने आज भी खुले में शौच जाने की मजबूरी है। 11 वार्ड के इस पंचायत में वॉर्ड नंबर 8 को छोड़ सभी 10 वॉर्डों में शौचालय की स्थिति बेहद खराब है। कहीं शौचालय है ही नहीं तो कहीं आधे अधूरे। अधिकांश जगहों पर शौचालय बना ही नहीं है और जहां हैं भी है वह भी बदहाल है। यहां के लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं।
-जनप्रतिनिधियों की मानें तो पूरे पंचायत की लगभग आठ हजार आबादी को शौचालय की सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है, लेकिन शत-प्रतिशत आबादी इसका उपयोग नहीं कर रही है। लोगों में साक्षरता का अभाव है, जिसके कारण शौचालय रहते हुए लोग इसका उपयोग नहीं कर रहे हैं।