*बेगूसराय घटना के बाद हो रही है चर्चा, तब था कौन सा राज…?*

जनपथ न्यूज डेस्क
Reported by: गौतम सुमन गर्जना
Edited by: राकेश कुमार
16 सितंबर 2022

भागलपुर : बेगूसराय की तरह ही छह वर्ष पहले 2016 में मुंगेर में भी एक बड़ी घटना हुई थी और अंतर सिर्फ इतना था कि तब बदमाशों की गोली का कोई शिकार नहीं हुआ था। तीन बाइक पर सवार छह बदमाश कुख्यात सूरज साह उर्फ झरकहवा की हत्या करने के बाद मुंगेर शहर के कई चौक-चौराहों पर गोलियां चलाते हुए फरार हो गए थे। दशहत फैलाने के उद्देश्य से यह गोलियां चलाई गई थी और यह घटना सुबह-सुबह हुई थी। लगभग पांच किमी तक गोलियां दागते हुए बदमाश निकले थे और अंधाधुंध गोलियां चलाकर बदमाशों ने पुलिस काे खुली चुनौती दी थी। इस घटना ने पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ी कर दी थी। पटना स्थित पुलिस मुख्यालय और सरकार तक यह मामला पहुंचा था और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया था।

गौरतलब है कि मुंगेर के कासिमबाजार थाना क्षेत्र के घोषी टोला निवासी सूरज साह उर्फ झरकहवा वांटेंड अपराधी था। उस पर हत्या, लूट, रंगदारी और बमबारी जैसे 28 मामले अलग-अलग थानों में दर्ज थे। 14 नवंबर की सुबह झरकहवा विजय सिनेमा के पास मोबाइल से बात कर रहा था। इस बीच उजले रंग की तीन बाइक पर सवार छह बदमाशों ने सिर से लेकर पूरे शरीर में दो दर्जन से ज्यादा गोलियां मारकर उसकी हत्या कर दी। कुछ दिन पहले ही झरकहवा जमानत पर बाहर आया था।
बदमाश घटना के बाद भगत सिंह चौक, एक नंबर ट्रैफिक, कोतवाली, अस्पताल रोड, शीतला मंदिर रोड, दो नंबर गुमटी और दलहट्टा इलाकों में दनादन गोलियां चलाते हुए दियारा की तरफ भाग गए थे। सुबह-सुबह चौक-चौराहों पर गोलियों की आवाज सुनकर लोग दशहत में आ गए थे। बता दे कि तब उस हत्या के मामले में एक दर्जन लोगों को नामजद किया गया था और पुलिस ने बाद में सभी को गिरफ्तार कर लिया था। इस घटना की लगातार यहां चर्चा हो रही है। लोग कह रहे हैं कि बेगूसराय में जो घटना घटी है, वह बड़ी घटना है, सरकार को इसपर त्‍वरित कार्रवाई करनी चाहिए। भागलपुर व मुंगेर शहर के हर चौंक-चौराहों पर इस बात की भी चर्चा हो रही है कि बेगुसराय की घटना को जंगलराज का हिस्सा बताने वाले नेता ये भी बताएं कि 6 साल पूर्व हुई मुंगेर वाली घटना को किस राज का हिस्सा माना जाय…?

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